भारत के इन अनोखे मंदिरों का निर्माण हुआ था सिर्फ एक रात में, दंग कर देगी आपको कहानी
हमारे देश में कई सारे ऐसे मंदिर है। जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। कई सारे तो ऐसे हैं। जो सैकड़ों साल पुराने हैं उन सभी परियों की कहानी अलग अलग है। आपको कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने वाले हैं। जिनका निर्माण में हर एक रात में हुआ था इसके निर्माण के पीछे की कहानी बेहद अलग है और दिलचस्प है।
उत्तर प्रदेश की वृंदावन में गोविंद देव जी का मंदिर है। यह मंदिर भी करीब देखने में अधूरा सा दिखाई देता है। कहते हैं यह मंदिर भी एक रात में ही बनकर तैयार हुआ था। मान्यता है कि भूतों का यह द्रव्य शक्तियों ने मिलकर इस मंदिर का निर्माण किया था। कहा जाता है कि सुबह होने से पहले ही किसी ने चक्की चलानी शुरू कर दी थी। जिसकी आवाज से मंदिर का निर्माण करने का काम पूरा किए बिना ही वहां के लोग चले गए थे।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में शिव जी का एक मंदिर है जिसे हथिया देवाल के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि एक हाथ वाले शिल्पकार ने इस मंदिर का निर्माण किया था हालांकि रात होने और जल्दी बनाने के चक्कर में यहां शिवलिंग का अर्थ विपरीत दिशा में बना दिया गया था। इस वजह से यहां कभी भी शिवलिंग की पूजा नहीं की जाती है।
झारखंड के देवघर में स्थित शिव मंदिर को कौन नहीं जानता। यह एक विश्व प्रसिद्ध मंदिर है मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने या सिर्फ एक रात में मंदिरों का निर्माण किया था। इस मंदिर के प्रांगण में माता पार्वती का मंदिर है। जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण कार्य होते होते सुबह हो गई थी जिस वजह से मंदिर का काम अधूरा रह गया था।