भारत के इन 6 मंदिरों में गैर-हिंदुओं के जाने पर है पूर्ण प्रतिबंध, जानिए

गुरुवायुर का केशवन मंदिर पिछले दिनों काफी सुर्खियों में रहा क्योंकि इस मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे थे। नरेंद्र मोदी केरल यात्रा पर गए थे। उन्होंने मंदिर जाकर पारंपरिक विधि विधान से पूजा की। बता दे कि इस मंदिर में किसी भी गैर हिंदू का आना वर्जित है। इस पोस्ट में हम कुछ ऐसे मंदिर बताने जा रहे हैं जहां गैर हिंदुओं का जाना मना है।

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केरल का गुरुवायुर मंदिर

यह केरल के त्रिशूल में स्थित है जो 5000 साल पुराना है। हिंदू लोग इस मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं। मंदिर में भगवान गुरुवायुरप्पन की पूजा की जाती है। बताया जाता है कि इस मंदिर में भगवान कृष्ण और विष्णु का घर है।

पदमनाभस्वामी मंदिर

यह केरल के तिरुअनंतपुरम में स्थित है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इसको राजा महाराजाओं ने 16वीं शताब्दी के त्रावणकोर के वक्त स्थापित किया था। मंदिर में देश-विदेश से लाखों पर्यटक आते हैं। लेकिन हिंदू लोग ही मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं।

जगन्नाथ मंदिर

भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित यह मंदिर बंगाल की खाड़ी के भुवनेश्वर के पास स्थित है। 1984 में इंदिरा गांधी मंदिर के दर्शन के लिए पहुंची थी। लेकिन उनको इस मंदिर में नहीं जाने दिया गया। सिर्फ रूढ़ीवादी हिंदू लोग ही मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं।

लिंगराज मंदिर

इस मंदिर में हर रोज लगभग 6000 भक्त आते हैं। यह उड़ीसा के भुवनेश्वर में स्थित है। साल 2012 में विदेशी पर्यटक ने मंदिर के कर्मकांड में अड़चन उत्पन्न की थी। इसके बाद से ही इस मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

कपालेश्वर मंदिर

चेन्नई के मलायापुर में कपालेश्वर मंदिर स्थित है जो सातवीं शताब्दी में बना था। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिसमें गैर हिंदू नहीं घुस सकते।

कामाक्षी मंदिर

तमिलनाडु के कांचिपुरम में स्थित कामाक्षी मंदिर में कोई भी गैर हिंदू प्रवेश नहीं कर सकता।

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