मां के डेड बॉडी के साथ कई दिन तक घर में बंद रही बेटियां,सामने आई हैरान करने वाली वजह…
सिकंदराबाद से एक रूह कंपा देने वाली खबर सामने आई है। दो बेटियां अपनी मां के शव के साथ कमरे में नौ दिनों तक बंद रहीं। पुलिस ने दोनों को घर से बाहर निकाला, वजह जानकर हैरानी होगी।
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सिकंदराबाद के वारसीगुडा में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। अपनी मां की मौत से दुखी दो बेटियां कथित तौर पर अपने घर में नौ दिनों तक उसकी बेजान लाश के साथ बंद रहीं। इसकी वजह भी हैरान करने वाली है। पुलिस ने बताया कि बेटियों को अपनी मां से बहुत प्यार था, वो मां से अलग नहीं रहना चाहती थीं। वहीं दूसरी वजह घर की गरीबी भी बताई जा रही है। अचानक से मां की मौत से घबराई बेटियों ने किसी को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। जब उनके घर से दुर्गंध आने लगी तो पास पड़ोस के लोगों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने जब घर का दरवाजा तोड़ा तो देखकर हैरान रह गई।
पुलिस ने बताया कि मृतक महिला का नाम ललिता था और उसकी उम्र 45 साल थी। वह अपनी दो बेटियों 25 साल की रवलिका और 22 साल की अश्विता के साथ सिकंदराबाद के वारासिगुडा के रोड नंबर 3 में किराए के मकान में रह रही थी। महिला की कुछ दिनों पहले अपने घर में ही दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। उसकी बेटियों ने इसकी जानकारी किसी को नहीं दी। उनके पास मां के दाह संस्कार के लिए पैसे नहीं होने के कारण दोनों ने शव के साथ नौ दिन घर में ही बिताया।
ललिता और उसके पति के बीच झगड़ा होता रहता था और इस वजह से दोनों अलग हो गए थे। ललिता अपनी मां के घर आ गई और अपने दोनों बच्चो के साथ वहीं रहने लगी। मां की मौत हो जाने के बाद से ललिता अपने आप को अकेला महसूस करने लगी और बीमार पड़ गई। पुलिस की शुरुआती जांच के अनुसार जनवरी में ही ललिता ने दम तोड़ दिया। मां की मौत से परेशान ललिता की दोनों बेटियों ने भी आत्महत्या करना चाहा और खाना पीना छोड़ दिया।
नौ दिनों से दोनों ने खाना नहीं खाया था। जब उनके घर से बदबू आने लगी तो पड़ोसियों ने थाने जाकर ये बात बताई। फिर पुलिस उनके घर पहुंची और जबरन ललिता का शव गांधी अस्पताल पहुंचाया। फिर पुलिस इंस्पेक्टर ने लड़कियों को खाना खिलाया और ललिता के परिजनों को मौत की जानकारी दी। फिर ललिता का दाह संस्कार का कार्यक्रम पूरा हुआ।