राजा भगीरथ ने गंगोत्री पर्वत क्षेत्र में ही एक चट्टान पर बैठकर शिव जी को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया था, भगीरथ के तप से प्रसन्न होकर शिव जी प्रकट हुए और उन्होंने गंगा के वेग को अपनी जटाओं में धारण करने का वर दिया…….

गंगोत्री में गंगा नदी का मंदिर है। मान्यता है कि गंगा नदी को राजा भगीरथ स्वर्ग से धरती पर लाए थे। इसलिए गंगोत्री में धाम में गंगा नदीं के साथ ही राजा भगीरथ की पूजा भी खासतौर पर की जाती है।

G

गोमुख से गंगा नदी निकलती है और गंगोत्री से आगे बढ़ते हुए कई राज्यों और शहरों से होती हुई प. बंगाल में गंगासागर तट पर समुद्र में मिल जाती है। मंदिर में मुखबा गांव के सेमवाल ब्राह्मण ही पुजारी होते हैं। ये मंदिर समुद्र तल से करीब 3042 मीटर की ऊंचाई पर है। गंगोत्री क्षेत्र में गंगा को भागीरथी कहते हैं।

गंगा का मुख्य उद्गम स्थल है गोमुख

गंगोत्री से करीब 19 किमी आगे गोमुख ग्लेशियर है। यही गंगा नदी का मुख्य उद्गम स्थल है। ये जगह बहुत ही दुर्गम है, यहां तक आसानी से नहीं पहुंच सकते हैं। मान्यता है कि राजा भगीरथ ने गंगोत्री पर्वत क्षेत्र में ही एक चट्टान पर बैठकर शिव जी को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया था। भगीरथ के तप से प्रसन्न होकर शिव जी प्रकट हुए और उन्होंने गंगा के वेग को अपनी जटाओं में धारण करने का वर दिया था। इसके बाद ही गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं।

ये है गंगा नदी के धरती पर आगमन की कथा

गंगा को देवनदी कहते हैं, क्योंकि ये स्वर्ग से धरती पर आई है। गंगा धरती पर क्यों आई, इस संबंध में प्रचलित कथा के मुताबिक श्रीराम के पूर्वज राजा सगर के साठ हजार पुत्रों ने कपिल मुनि का अपमान कर दिया था। क्रोधित कपिल मुनि ने सभी साठ हजार पुत्रों को भस्म कर दिया। इसके बाद कपिल मुनि ने राजा सगर के पौत्र अंशुमन को ये बताया कि सगर के सभी मृत पुत्रों का उद्धार गंगा नदी से ही हो पाएगा।

अंशुमन के पुत्र दिलीप थे और दिलीप के पुत्र भगीरथ हुए। इन सभी ने अपने पितरों की शांति के लिए तपस्या की थी, तब भगीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर देवी गंगा धरती पर आने के लिए तैयार हुईं। गंगा का वेग बहुत तेज था। इसे धारण करने के लिए भगीरथ ने शिवजी को प्रसन्न किया। तब गंगा पृथ्वी पर आई और उसके जल से सगर के सभी पुत्रों का उद्धार हो गया। भगीरथ की वजह से गंगा को भागीरथी कहते हैं।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *