रोते हुए पुलिस थाने पहुंची नाबालिग लड़की, फिर सुनाई ऐसी कहानी जिसे सुनकर पुलिसवालों के भी उड़ गए होश
यह लड़की केरल के पथानामथिट्टा की रहने वाली है. वो खेल के क्षेत्र में अपना करियर बना रही है. उसका कहना है कि एक या दो नहीं बल्कि 64 लोगों ने उसके साथ रेप किया. पिछले चार सालों से लगातार उसका शारीरिक शोषण किया जा रहा है. इस फेहरिस्त में उसके कोच भी शामिल हैं.
केरल के पथानामथिट्टा जिले में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने पुलिस महकमे के हाथ-पांव फुला दिए. दरअसल, एक 18 साल की लड़की ने थाने में संपर्क किया. बताया कि पिछले चार साल से उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाया जा रहा है. दावा किया गया कि 64 लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया. मामले की गंभरीता को देखते हुए पुलिस तुरंत हरकत में आई और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में जमकर एक्शन लेने लगी. लड़की के बयान के आधार पर हर केस में अलग –अलग एफआईआर दर्ज की जा रही है. जिस जगह उसके साथ वारदात हुई. उस थाने में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है. अबतक इस केस में छह लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है.
युवती ने खुद को एक स्पोर्ट्स प्लेयर करार दिया. उसका कहना है कि स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में भी उसके साथ रेप किया गया है. गलत काम करने वाले लोगों में कोच, स्कूल के छात्र व कई अन्य लोगों का नाम लिया गया. खासबात यह है कि पीड़ित युवती के पास मोबाइल फोन भी नहीं है. लड़की दो महीने पहले ही 18 साल की हो गई है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार पथानामथिट्टा बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राजीव एन ने बताया कि किशोरी ने पहली बार स्कूल के काउंसलिंग सेशन के दौरान अपने साथ हुए यौन शोषण के बारे में बताया था.
जिसके बाद बाल कल्याण समिति से संपर्क किया गया. फिर मामले की सूचना पुलिस को भी दी गई. अपने बयान में लड़की ने कहा कि पथानामथिट्टा में कई जगहों पर खेल कॉप्लेक्स सहित अन्य स्थानों पर उसके साथ रेप किया गया. अधिकांश आरोपी कोच, क्लासमेट और लड़की के घर के पास रहने वाले स्थानीय लोग हैं. जिले के विभिन्न पुलिस थानों में पोक्सो अधिनियम सहित कई अन्य धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए. पथानामथिट्टा जिला पुलिस प्रमुख जांच की निगरानी कर रहे हैं.
पुलिस के मुताबिक लड़की के पास निजी मोबाइल फोन नहीं है और वह अपने पिता का मोबाइल फोन इस्तेमाल करती थी, खासकर रात में. पुलिस ने बताया कि इस फोन पर उसने करीब 40 लोगों के नंबर सेव कर रखे थे, जिन्होंने उसके साथ दुर्व्यवहार किया था. बाल कल्याण समिति के सदस्य, जो उसने जो बताया उससे हैरान थे, उन्होंने उसे मनोवैज्ञानिक से परामर्श दिलवाया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आरोप वास्तविक थे. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष ने कहा, “चूंकि हमें एहसास हुआ कि यह एक असामान्य मामला था, इसलिए हमने एसपी को सूचित किया और उनसे जांच की निगरानी करने को कहा.” उन्होंने कहा, “हम उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे और जब तक उसे नौकरी नहीं मिल जाती, तब तक उसकी देखभाल करेंगे.”