वृद्ध पिता की मृत्यु के बाद उसके बेटे ने सोचा क्यों ना पिताजी की आत्मा को स्वर्ग में भेजने के लिए महात्मा बुद्ध की मदद ली जाए, तो युवक तुरंत……..
एक समय था जब पंडित मृत्यु के बाद आत्मा को स्वर्ग में पहुंचाने के लिए विशेष कर्मकांड करवाते थे, जिसके बदले में पंडित बहुत सारी दान दक्षिणा लेते थे। लोग भी अपने मृत परिजनों को स्वर्ग में स्थान दिलाने के लिए पंडितों की हर बात मान लेते थे। एक दिन उस गांव में एक वृद्ध पुरुष की मृत्यु हो गई। उस वृद्ध के बेटे ने सोचा कि मैं अपने पिता की आत्मा को स्वर्ग में पहुंचाने के लिए महात्मा बुद्ध से मदद लेता हूं। वह युवक महात्मा बुद्ध के पास गया और कहने लगा कि कृपया कोई उपाय बताएं, जिससे मेरे पिताजी की आत्मा स्वर्ग में जा सके।
गांव में एक वृद्ध व्यक्ति की मृत्यु हो गई तो उसके बेटे ने सोचा कि क्यों ना पिताजी की आत्मा को स्वर्ग में जगह दिलाने के लिए महात्मा बुद्ध की मदद ले ली जाए, युवक तुरंत ही बुद्ध के पास पहुंच गया और उनसे बोला कि
महात्मा बुद्ध ने कहा- तुम दो मिट्टी के घड़े लेकर उसमें से एक में पत्थर और दूसरे में घी भर देना। दोनों घड़ों को ले जाकर नदी के बीच में हथौड़ी से फोड़ देना। इसके बाद क्या होता है, मुझे बताना। महात्मा बुद्ध ने जैसा बताया उस युवक ने बिल्कुल वैसा ही किया। अगले दिन वह युवक महात्मा बुद्ध के पास आया और बोला कि पत्थर और घी से भरे घड़ों को मैंने नदी में ले जाकर तोड़ दिया। पत्थर वाले घड़े पर जब मैंने प्रहार किया तो वह टूट गया औरपत्थर पानी में डूब गए। लेकिन घी पानी में डूबा नहीं, बल्कि बहने लगा।
महात्मा बुद्ध ने बताया कि क्या किसी भी मंत्री या कर्मकांड से ऐसा हो सकता है कि पत्थर पानी पर तैरने लगे, जबकि घी नदी की सतह में जाकर बैठ जाए। युवक बोला- ऐसा तो संभव नहीं है। ना तो पत्थर पानी में तैर सकता है और ना घी नदी के जल में डूब सकता है। बुद्ध बोले- तुम्हारे पिता के साथ भी ऐसा ही है। अगर उन्होंने अच्छे कर्म किए होंगे तो उन्हें स्वर्ग में जगह मिलेगी और अगर उन्होंने बुरे कर्म किए होंगे तो वे नरक में जाएंगे। तुम चाहे जितना भी पूजा-पाठ कर लो। उनके कर्मों का फल उन्हें जरूर मिलेगा।
लाइफ मैनेजमेंट
इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि मृत्यु अटल सत्य है, जिसको कोई भी बदल नहीं सकता। हम लोग जीवनभर बुरे कर्म करते हैं। ऐसे लोग किसी को याद नहीं रहते। लेकिन जो लोग हमेशा दूसरों की मदद करते हैं और सम्मान देते हैं, ऐसे लोगों को मृत्यु के बाद भी याद किया जाता है और उनका सम्मान होता है और ऐसे लोग स्वर्ग में जगह पाते हैं।