वो क्रिकेट मैच जब सचिन तेंदुलकर को आउट करने के बाद गेंदबाज और अंपायर दोनों को मिली थी जान से मारने की धमकी

सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है. तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर में ऐसे कारनामे किए जिससे पूरी दुनिया वाकिफ है. भारत के अलावा अन्य देशों में भी सचिन तेंदुलकर की फैन फॉलोइंग बहुत ज्यादा है. बहुत ही कम लोगों को इस बारे में जानकारी होगी कि एक बार सचिन तेंदुलकर को आउट करना एक खिलाड़ी और अंपायर के लिए भारी पड़ गया था. दोनों को जान से मारने की धमकी भी दी गई थी. 

साल 2011 में एक टेस्ट मैच के दौरान इंग्लिश गेंदबाज टिम ब्रेसनन ने तेंदुलकर को उनके 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने से रोक दिया था. जिसके बाद गेंदबाज और ऑस्ट्रेलियाई अंपायर रोड टकर को जान से मारने की धमकी मिली थी. बता दें कि 2011 के विश्व कप में तेंदुलकर ने साउथ अफ्रीका के विरुद्ध 99वां शतक पूरा किया था. टेस्ट मैच की दूसरी पारी में  तेंदुलकर 91 रन बनाकर खेल रहे थे. लेकिन तेंदुलकर ब्रेसनन की गेंद पर चकमा खा गए और उन्हें एलबीडब्ल्यू आउट करार दिया गया. 

इस बात का खुलासा खुद ब्रेसनन ने किया था. उन्होंने बताया था कि जब सचिन तेंदुलकर पिच पर खेल रहे थे तो लेफ्ट साइड से गेंद बाहर की तरफ जा रही थी. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के अंपायर टकर ने उन्हें आउट करार दे दिया. वो शतक के काफी नजदीक थे, उसे पूरा भी कर लेते. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. हम सीरीज जीत गए और दुनिया की नंबर वन टीम बने.

टिम ब्रेसनन ने बताया था कि हम दोनों को जान से मारने की धमकी मिलने लगी. मुझे भी धमकियां मिल रही थी और अंपायर को भी. मुझे ट्विटर पर भी धमकी मिली और अंपायर को लोगों ने उनके घर के पते पर पत्र लिखकर जान से मारने की धमकी दी. उन्होंने बताया कि पत्र में लिखा हुआ था कि तुमने सचिन तेंदुलकर को आउट कैसे दे दिया. गेंद लेग साइड से बाहर जा रही थी. 

गेंदबाज ने यह भी बताया कि जिस तरह से अंपायर टकर को धमकियां दी जा रही थी. उस को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी सुरक्षा बढ़ानी पड़ी. कुछ महीनों बाद जब वो अंपायर से मिले और तो वो कह रहे थे कि दोस्त मुझे सुरक्षा गार्ड रखना पड़ा. ऑस्ट्रेलिया में उनके घर के आसपास पुलिस की सुरक्षा है. हालांकि 2012 में एशिया कप में एक बार फिर सचिन को खेलने का मौका मिला और उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ अपना 100वां शतक पूरा किया.

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