साइबर ठगों ने योजना के नाम पर किसानों से ठगे 25 लाख,किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर हुई धोखाधड़ी…….
जानकारी के अभाव में लोग अनजान नंबर से फोन आने पर भी उसे सही मान बैठते है. ठगों द्वारा ऐसे भोले-भाले लोगों को निशाना बानाया जा रहा है. इन मामलों को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा संबंधी जानकारी किसी के साथ भी साझा नहीं करना चाहिए.
औरंगाबाद जिले के एक गांव में पिछले 2 महीने में दर्जनों किसानों के साथ ऑनलाइन फ्रॉड करने का मामला सामने आया है. कुटुंबा प्रखंड के वाजिदपुर गांव के दर्जनों किसानों के साथ 25 लाख से अधिक रुपए का ऑनलाइन फ्रॉड किया गया है.
आपको बता दें प्रधानमंत्री किसान निधि योजना के तहत किसानों को 2000 हज़ार रुपए की राशि दी जाती हैं. कई किसानों को योजना के बारे में जानकारी नहीं हैं. ऐसे में साइबर अपराधी इसका सीधा फायदा उठा रहे हैं. साइबर अपराधियों ने वाजिदपुर के पीड़ित किसान सुदामा मेहता के खाते से 54 हजार रुपए उड़ा ले गए. पीड़ित सुदामा मेहता ने बताया कि उन्हें किसान सम्मान निधि योजना में केवाईसी करने के लिए प्रखंड कार्यलय के नाम से कॉल आया था. फोन पर मेरे द्वारा बैंक खाते से जुड़ी कई जानकारियां कॉलर को दी गई. बातों में आकर मैंने उसको अपने खाते की जानकारी और ओटीपी नंबर दे दिया, इसके बाद मेरे खाते से 54 हजार रुपए खाते से उड़ा लिया गया.
बता दें कुटुंबा प्रखंड में कई ऐसे पीड़ित हैं जिनके खाते से लाखों रुपए की चोरी की गई हैं. इसमें बबलू दुबे के खाते से 2 लाख रुपए, सुदामा मेहता के खाते से 54 हज़ार रुपए, श्रवण कुमार के खाते से 80 हज़ार रूपए, अरविंद सिंह के खाते से 3 लाख रुपए और भोला मेहता के खाते से 30 हज़ार रुपए सहित दर्जनों लोगों के खाते से रुपए की चोरी की गई है. साइबर थाना में इसको लेकर शिकायत करने पर भी अबतक कोई एक्शन नहीं लिया गया.
साइबर डीएसपी मनोज कुमार ने बताया कि गांव में साइबर ठगी का मामला सामने आया है. लोगों से सरकारी योजना के नाम पर ठगी हुई है. ऐसे में बैंक और पुलिस द्वारा लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जिससे कोई साइबर ठगी का शिकार न हो. अगर किसी के पास कोई अनजान कॉल या मैसेज आता है या आपके साथ ऑनलाइन फ्रॉड होता है तो केंद्रीय गृह मंत्रालय के टोल फ़्री नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. इसके अलावा मंत्रालय के साइबर पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. वहीं खाते से हुए लेन देन पर तुरंत इसकी जानकारी संबंधित बैंक को दें और अपने खाते को लॉक कराएं. किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना ओटीपी नंबर शेयर न करें.