सीख; आप बार-बार गुस्सा करते हैं तो सबसे पहले जो चीज खोते हैं वह है आपके संबंध, क्रोध की आग सबसे पहले संबंधों को जलाती है, पुश्तों से चले आ रहे संबंध भी क्षणिक क्रोध की बलि……

महाभारत में श्रीकृष्ण के स्वभाव को देखते हुए हमें भी कुछ बातें सीखनी चाहिए। जैसे किस समय क्या बोलना, किसी इंसान को कोई बात कैसे समझानी और कब कैसा व्यवहार करना। महाभारत में शिशुपाल ने भरी सभा में भगवान श्रीकृष्ण का अपमान किया था। इस पर श्रीकृष्ण बहुत देर तक चुप रहे, लेकिन उन्हें जब लगा कि अब चुप्पी को कायरता मान लिया जाएगा तो उन्होनें भरी सभा में सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल भी किया।

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महाभारत में श्रीकृष्ण के स्वभाव से हम ये सीख सकते हैं

आप बार-बार गुस्सा करते हैं तो सबसे पहले जो चीज खोते हैं वह है आपके संबंध। क्रोध की आग सबसे पहले संबंधों को जलाती है। पुश्तों से चले आ रहे संबंध भी क्षणिक क्रोध की बलि चढ़ते देखे गए हैं।

दूसरी चीज अपनों की हमारे प्रति निष्ठा। रिश्तों में दरार आए तो निष्ठा सबसे पहले दरकती है। फिर जाता है सम्मान। अगर आप बार बार किसी पर क्रोध करते हैं तो आप उसकी नजर में अपना सम्मान भी गंवाते जा रहे हैं।

इसके बाद बारी आती है अपनी विश्वसनीयता की। हम पर से लोगों का विश्वास उठता जाता है। फिर स्वभाव और स्वास्थ्य। कहने को लोग हमारे साथ दिखते हैं, लेकिन वास्तव में वे होते नहीं है।

ऐसे पा सकते हैं गुस्से से छुटकारा

1. हमेशा चेहरे पर मुस्कुराहट रखें। कोई भी बात हो, गहराई से उस पर सोचिए सिर्फ क्षणिक आवेग में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त ना करें।

2. सही समय का इंतजार करें। कृष्ण से सीखिए अपने स्वभाव में कैसे रहें। उन्होंने कभी भी क्षणिक आवेग में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। 

3. हमेशा परिस्थिति को गंभीरता से देखते थे। शिशुपाल अपमान करता रहा, लेकिन वे सही वक्त का इंतजार करते रहे। वक्त आने पर ही उन्होंने शिशुपाल को मारा।

4. अपनी दिनचर्या में मेडिटेशन को और चेहरे पर मुस्कुराहट को स्थान दें। ये दोनों चीजें आपके व्यक्तित्व में बड़ा परिवर्तन ला सकती हैं। कभी भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए आपको तैयार रखेगी।

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