सीख; एक गरीब व्यक्ति अपने काम में बार-बार असफल हो रहा था, इस बात से वह बहुत परेशान रहने लगा, अपनी गरीबी दूर करने के लिए लगातार कोशिश कर रहा था, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगती थी……..
एक लोक कथा है। जिसमें संत ने एक निराश व्यक्ति को समझाया था कि हमें सफलता कैसे मिल सकती है। जानिए ये कथा…
पुराने समय में एक गरीब व्यक्ति अपने काम में बार-बार असफल हो रहा था। इस बात से वह बहुत परेशान रहने लगा। अपनी गरीबी दूर करने के लिए लगातार कोशिश कर रहा था, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगती थी।
एक दिन असफलता और निराशा की वजह से वह हिम्मत हार गया और उसने प्रयास करना ही बंद कर दिए। उन दिनों उसके गांव में एक संत आए हुए थे। निराश व्यक्ति उस संत से मिलने पहुंचा।
निराश व्यक्ति ने संत को अपनी सारी परेशानियां बता दीं। संत ने उससे कहा कि असफलता से इस तरह निराश नहीं होना चाहिए। प्रयास करना बंद मत करो।
संत की बातें सुनकर उस व्यक्ति ने कहा कि मैं तो हार चुका हूं।
ये बात सुनकर संत समझ गए कि ये व्यक्ति नकारात्मक विचारों में उलझ गया है। संत ने उससे कहा कि मैं तुम्हें एक बच्चे की कहानी सुनाता हूं। इस कहानी से निराशा दूर हो जाएगी।
संत ने कहानी सुनानी शुरू की। किसी गांव में एक छोटे बच्चे ने बांस का और कैक्टस का पौधा लगाया। बच्चा रोज दोनों पौधों की बराबर देखभाल करता। काफी समय बीत गया। कैक्टस का पौधा तो पनप गया, लेकिन बांस का पौधा पनप ही नहीं रहा था।
कैक्टस देखकर बच्चा खुश था, लेकिन बांस की वजह से उसे दुख भी हो रहा था। बच्चे ने हिम्मत नहीं हारी और वह दोनों की देखभाल करता रहा। इसी तरह कुछ महीने और बीत गए, लेकिन बांस का पौधा पनपा ही नहीं।
बच्चा ने कोशिश जारी रखी, बांस के पानी को खाद-पानी देते रहा। कुछ महीनों के बाद बांस का पौधा भी पनप गया और कुछ ही दिनों में वह कैक्टस से भी ज्यादा बड़ा हो गया।
संत ने निराश व्यक्ति को समझाया कि दरअसल बांस का पौधा पहले अपनी जड़ें मजबूत कर रहा था, इसीलिए उसे पनपने में थोड़ा समय लगा। हमारे जीवन में जब भी संघर्ष आए तो हमें हमारी जड़ें मजबूत करनी चाहिए, निराश नहीं होना चाहिए। हमें अपने काम का लगातार अभ्यास करते रहना चाहिए। अभ्यास करते रहने से हम काम में पारंगत हो जाते हैं, हमारी जड़ें मजबूत हो जाती हैं। इसके बाद हम बड़े-बड़े लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं।
वह व्यक्ति संत की बातें समझ गया और उसने एक बार फिर से पूरे उत्साह के साथ काम करना शुरू कर दिया। जल्दी ही उसे सफलता मिल गई।