सीख; एक चोर संत के कमरे में कर रहा था चोरी, तभी संत की नींद खुल गई, लेकिन उन्होंने चोर को चोरी करने से रोका नहीं, बल्कि चोरी के सामान की गठरी उठाने में…….
एक चोर संत के कमरे में कर रहा था चोरी, तभी संत की नींद खुल गई, लेकिन उन्होंने चोर को रोका नहीं, बल्कि सामान की गठरी उठाने में उसकी मदद की
चोर को लग रहा था कि उसे कोई देख नहीं रहा है। उसने पूरे कमरे का सामान एक जगह रखा और बड़े कपड़े में बांधकर गठरी बना ली। गठरी का वजन ज्यादा हो गया था। इस वजह से वह गठरी उठा नहीं पा रहा था। तब संत ने कहा कि भाई ये सब सामान मेरे किसी काम का नहीं है, तू डर मत, आराम से ये सामान ले जा। मैं गठरी उठाने में तेरी मदद कर देता हूं। ये सुनकर चोर हैरान हो गया, लेकिन वह कुछ बोला नहीं। वहीं खड़ा रहा।
संत उठे और उन्होंने गठरी उठाने में चोर की मदद की। चोर सारा सामान लेकर अपने घर पहुंचा और पूरी बात अपनी पत्नी को बता दी। पत्नी ने उससे कहा कि आपने ये क्या अनर्थ कर दिया। एक भोले-भाले संत के यहां चोरी की। ये तो महापाप हो गया है। आप अभी जाकर ये सारा संत को वापस देकर आओ।
पत्नी की बातें सुनकर चोर को भी पछतावा हुआ। वह तुरंत ही आश्रम गया और सारा सामान संत को लौटा दिया और क्षमा याचना की। संत ने उसे क्षमा कर दिया। इसके बाद उस व्यक्ति ने चोरी न करने का संकल्प ले लिया और वहीं आश्रम में रहकर सेवा करने लगा। संत की अच्छे आचरण की वजह से एक चोर का हृदय परिवर्तन हो गया।