सीख; एक दुकान पर ग्राहक आया तो दुकानदार ने केले और सेवफल के भाव बहुत ज्यादा बताए, ग्राहक ने कहा कि भाई ये भाव काफी अधिक है, तभी वहां एक गरीब महिला आई, उसने भी केले और सेवफल का भाव…….
अगर हम किसी मदद करना चाहते हैं तो इसके लिए कई रास्ते मिल सकते हैं। इस संबंध में एक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार फलों की एक दुकान पर ग्राहक आया तो दुकानदार ने केले और सेवफल के भाव बहुत ज्यादा बताए। ग्राहक ने कहा कि भाई ये भाव काफी अधिक है। तभी वहां एक गरीब महिला आई। उसने भी केले और सेवफल का भाव पूछा। दुकानदार ने इन फलों के भाव बहुत कम बताए। इतने कम भाव सुनते ही पहले वाला ग्राहक क्रोधित हो गया। वह कुछ बोलता इससे पहले दुकानदार ने उसे चुप रहने का इशारा कर दिया।
महिला अपनी जरूरत के हिसाब से केले और सेवफल लेकर वहां से चली गई। उस महिला के जाते ही पहला ग्राहक क्रोध में बोला कि भाई मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है, तुम मुझसे इतना ज्यादा पैसा क्यों मांग रहे हो? उस महिला को तो तुमने बहुत कम पैसों में ये फल दे दिए।
ये बातें सुनकर दुकानदार बोला कि भाई साहब मैंने आपको कोई धोखा नहीं दिया है। वह महिला बहुत गरीब और स्वाभिमानी है। वह कभी भी किसी से मदद नहीं लेती है। मैंने कई बार उसकी मदद करने की कोशिश की, लेकिन वह लेने से मना कर देती है। तब मैंने सोचा कि इसकी मदद करने के लिए इसे कम भाव में फल देना चाहिए। इसके बाद से मैं इससे फलों के नाम मात्र के पैसे लेता हूं, ताकि उसका भी स्वाभिमान बना रहे और मेरी मदद भी उसे मिल जाए।
ये महिला कभी-कभी ही आती है और जिस दिन ये आती है, उस दिन मेरा व्यापार बहुत अच्छा रहता है। ये बातें सुनकर ग्राहक की आंखों में आंसु आ गए और उसने दुकानदार को गले लगा लिया।
कथा की सीख
इस छोटी सी कथा की सीख यह है कि अगर हम किसी की मदद करना चाहते हैं तो इसके लिए हमें कई रास्ते आसानी से मिल सकती है। बस किसी की मदद करने की इच्छा होनी चाहिए।