सीख; एक बार एक व्यक्ति बुद्ध के पास पहुंचा और बोला, ‘मैं बहुत दुखी हूं और संन्यास लेना चाहता हूं, बुद्ध ने उससे संन्यास लेने की वजह पूछी तो उस व्यक्ति ने बताया कि उसका उसकी पत्नी के रोज झगड़ा…….

बुद्ध के जीवन के कई ऐसे किस्से हैं, जिनसे हमें जीवन को सुखी बनाने के सूत्र मिलते हैं। एक प्रसंग के अनुसार एक दुखी व्यक्ति जंगल में भटक रहा था। तभी उसने गौतम बुद्ध को देखा।

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बुद्ध अधिकतर समय यात्रा करते रहे थे। उस समय वे जंगल में ठहरे हुए थे। वह व्यक्ति बुद्ध के पास पहुंचा और बोला, ‘मैं बहुत दुखी हूं और मैं संन्यास लेना चाहता हूं। मुझे अपना शिष्य बना लीजिए।’

बुद्ध ने संन्यास लेने की वजह पूछी तो उस व्यक्ति ने बताया कि उसका उसकी पत्नी के रोज झगड़ा होता है। वह झगड़ों से तंग आ गया है और सब कुछ छोड़कर संन्यास लेना चाहता है।

बुद्ध ने उस व्यक्ति की बात सुनी और उसे अपने साथ रहने की अनुमति दे दी। अगले दिन गौतम बुद्ध ने उस व्यक्ति से कहा, ‘मुझे प्यास लगी है, पास ही नदी बह रही है, वहां से पीने के लिए पानी लेकर आ जाओ।’

वह व्यक्ति बुद्ध के आदेश पर नदी के पास पहुंच गया। नदी किनारे पर खड़े होकर उसने देखा कि नदी में जानकर उछल-कूद कर रहे हैं। इस कारण नदी का पानी गंदा हो गया है। नदी की गंदगी देखकर वह व्यक्ति बुद्ध के पास लौट आया।

उस व्यक्ति ने पूरी बात बुद्ध को बता दी। बुद्ध ने उस समय कुछ नहीं कहा। कुछ समय बाद फिर से बुद्ध ने उसे पानी लाने के लिए नदी किनारे भेज दिया।

इस बार जब वह व्यक्ति नदी के पास पहुंचा तो देखा कि पानी एकदम साफ है। साफ पानी देखकर वह हैरान था। पानी भरकर वह बुद्ध के पास लौट आया।

बुद्ध को पानी देते हुए उसने पूछा, ‘तथागत आपको कैसे मालूम हुआ कि नदी में पानी साफ हो गया होगा?’

बुद्ध ने कहा, ‘जानवर की उछल-कूद से पानी गंदा हो गया था, लेकिन कुछ देर जब सभी जानवर वहां से चले गए तो नदी का पानी शांत हो गया, धीरे-धीरे गंदगी नीचे बैठ गई। यही बात हमारे जीवन पर भी लागू होती है। जब जीवन में परेशानियां आ जाती हैं तो हमारा मन अशांत हो जाता है। अशांत मन की वजह से हम गलत निर्णय ले लेते हैं। इसलिए जब भी कोई निर्णय लेना हो तो मन के शांत होने की प्रतीक्षा करनी चाहिए। शांत मन से लिया गया निर्णय सही होता है।’

बुद्ध की ये बातें सुनकर उस व्यक्ति को समझ आ गया कि उसने संन्यास लेने का निर्णय अशांत मन से लिया था। उसे अपनी गलती का एहसास हो गया और वह बुद्ध से अनुमति लेकर अपने घर लौट गया। अगर हम ये बातें ध्यान रखेंगे तो हमारी सभी समस्याओं के समाधान आसानी से मिल सकते हैं।

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