सीख; गुरुनानक राजा के बारे में सबकुछ जानते थे, इसीलिए जब राजा उनके पास आया तो गुरुनानक ने उससे कहा कि राजन् मुझ पर एक उपकार करें, मेरा ये एक पत्थर गिरवी रख लो, ये मुझे बहुत प्रिय है, इसका……

सिक्ख धर्म के संस्थापक गुरुनानकजी के जीवन के कई प्रसंग ऐसे हैं, जिनमें सुखी और सफल जीवन के रहस्य छिपे हैं। अगर इन प्रसंगों की सीख को जीवन में उतार लिया जाए तो हम कई परेशानियों से भी बच सकते हैं। यहां जानिए ऐसा ही एक प्रसंग…

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> गुरुनानक के काल में एक राजा अपनी प्रजा को बहुत कष्ट देता था। प्रजा धन लूटकर खुद की संपत्ति बढ़ाता था। एक बार गुरुनानक उसके राज्य में पहुंचे। जब ये बात राजा को मालूम हुई तो वह भी गुरुदेव से मिलने पहुंचा।

> गुरुनानक राजा के बारे में सबकुछ जानते थे। इसीलिए जब राजा उनके पास आया तो गुरुनानक ने उससे कहा कि राजन् मुझ पर एक उपकार करें, मेरा ये एक पत्थर गिरवी रख लो। ये मुझे बहुत प्रिय है। इसका ध्यान रखना।

> राजा ने कहा कि ठीक मैं इसे रख लेता हूं, लेकिन आप इसे वापस कब ले जाएंगे। गुरुनानक ने कहा कि जब हमारी मृत्यु हो जाएगी और हम मिलेंगे तब ये पत्थर मुझे वापस कर देना।

> राजा ने कहा कि ये कैसे संभव है? भला मृत्यु के बाद कोई कुछ कैसे ले जा सकता है? गुरुनानक ने कहा कि तो फिर आज जो प्रजा का धन लूट-लूटकर अपना खजाना भर रहे हैं, क्या वह साथ नहीं ले जाएंगे? उस खजाने के साथ मेरा ये पत्थर भी रख लेना।

> राजा को गुरुनानक की बात समझ आ गई। उसने क्षमा मांगी और वचन दिया कि अब से वह प्रजा पर अत्याचार नहीं करेगा और अपने खजाने से जनता की सेवा करेगा।

 कथा की सीख

इस छोटी सी कथा की सीख यह है कि मृत्यु के बाद कोई भी इंसान अपने साथ कुछ भी ले जा नहीं सकता है। इसीलिए धन प्राप्त करने के लिए गलत काम करने से बचना चाहिए।

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