सीख; चंचुला और बिंदुक दोनों पति-पत्नी थे, शादी के बाद से ही बिंदुक की रुचि दूसरी स्त्रियों में रहती थी, बिंदुक आचरण से बहुत गिर चुका था, बहुत समय तक तो चंचुला ने धैर्य रखा, पति को सुधारने का प्रयास किया, लेकिन……..
शास्त्रों में चंचुला और बिंदुक की कहानी बताई गई है। चंचुला और बिंदुक दोनों पति-पत्नी थे। शादी के बाद से ही बिंदुक चंचुला की उपेक्षा करता था और उसकी रुचि दूसरी स्त्रियों में रहती थी।
बिंदुक आचरण से बहुत गिर चुका था। बहुत समय तक तो चंचुला ने धैर्य रखा, पति को सुधारने का प्रयास किया, लेकिन बिंदुक नहीं सुधरा। इसके बाद चंचुला भी अपने आचरण को बचा नहीं पाई और उसके भी दूसरे पुरुषों से संबंध बन गए।
बीमारी की वजह से बिंदुक मर गया। चंचुला अकेली रह गई, उसे प्रायश्चित हुआ कि मैंने भी पति की तरह ही गलत काम किए हैं। इसके बाद चंचुला ने शिवपुराण की कथा सुनी और उसे ज्ञान मिला कि शिव चरित्र मन को शांत रहना सिखाता है। वह शिव जी की भक्त हो गई।
चंचुला की मृत्यु हुई तो उसकी आत्मा शिव लोक पहुंची। वहां देवी पार्वती ने चंचुला का पक्ष लिया और शिव जी से कहा, ‘इस स्त्री का दोष तो है, इसने भी अपने पति की तरह गलत काम किया है, लेकिन आपको इसे मोक्ष का वरदान देना होगा, क्योंकि स्त्री का क्या दोष, अगर उसका पति ही उसकी उपेक्षा करे। पुरुष को ये स्वतंत्रता नहीं दी जाना चाहिए कि वह अपने और दूसरे के शरीर का गलत उपयोग करे। स्त्री भी इंसान है और वह भी भटक सकती है।’
इसके बाद शिव जी और देवी पार्वती ने बिंदुक-चंचुला से कहा, ‘वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी को एक-दूसरे के प्रति विश्वास और ईमानदारी रखनी चाहिए।’
सीख- पति-पत्नी एक-दूसरे का भरोसा तोड़ेंगे तो ये रिश्ता टूट सकता है। पति-पत्नी को एक-दूसरे को धोखा नहीं देना चाहिए। ईमानदारी और विश्वास बनाए रखना चाहिए।