सीख; जब श्रीकृष्ण का अपने धाम लौटने का समय आया तो उन्होंने अपना अंतिम ज्ञान उद्धव को दिया था, उद्धव श्रीकृष्ण के काका के बेटे थे और बहुत विद्वान थे, उद्धव ने श्रीकृष्ण से कई प्रश्न पूछे और भगवान ने सभी प्रश्नों के उत्तर दिए, जब…….

महाभारत में श्रीकृष्ण की मदद से पांडवों ने कौरवों का पराजित कर दिया था, इसके बाद युधिष्ठिर राजा बन गए। महाभारत युद्ध के बाद जब श्रीकृष्ण द्वारका पहुंचे तो कुछ समय बाद यदुवंशी आपस में लड़कर मारे गए। जब श्रीकृष्ण का अपने धाम लौटने का समय आया तो उन्होंने अपना अंतिम ज्ञान उद्धव को दिया था।

उद्धव श्रीकृष्ण के काका के बेटे थे और बहुत विद्वान थे। उद्धव ने श्रीकृष्ण से कई प्रश्न पूछे और भगवान ने सभी प्रश्नों के उत्तर दिए। जब उद्धव श्रीकृष्ण की बातों से संतुष्ट हो गए तो श्रीकृष्ण ने कहा कि उद्धव, अब मैं अपने धाम जाऊंगा यानी मैं इस संसार को छोड़कर जाने वाला हूं। अब तुम्हें भी मुझसे विदा होना होगा।

ये बात सुनकर उद्धव दुखी हुए और उन्होंने श्रीकृष्ण का हाथ पकड़ लिया और कहा कि आप इस तरह मुझे छोड़कर नहीं जा सकते, मैं भी आपके साथ चलूंगा।

श्रीकृष्ण ने उद्धव को समझाते हुए कहा कि इस दुनिया में सभी अकेले आते हैं और अकेले ही जाते हैं।

इतना कहने के बाद श्रीकृष्ण ने अपनी चरण पादुकाएं उद्धव को भेंट में दे दीं और कहा, इस भेंट को याद रखना और अब तुम बद्रीकाश्रम चले जाओ। बद्रीनाथ के पर्वतों पर मैंने तुम्हें जो बातें बताई हैं, उन बातों का चिंतन करना। ये पादुकाएं तुम्हें मेरी अच्छी बातें याद दिलाएंगी। जो ज्ञान मैंने तुम्हें दिया है, उसका लोगों के हित में सही उपयोग करना।

श्रीकृष्ण की ये बातें सुनकर उद्धव वहां से चले गए। इसके कुछ समय बाद जरा नाम के शिकारी का बाण श्रीकृष्ण के पैर के तलवे पर लगा। इसके बाद श्रीकृष्ण अपने धाम लौट गए।

श्रीकृष्ण की सीख

श्रीकृष्ण ने इस कथा में उद्धव को अपनी पादुकाएं उपहार के रूप में दीं और कहा था कि मेरी अच्छी बातें याद करना और उनका सही उपयोग करना। जब कोई व्यक्ति हमें उपहार देता है तो भविष्य में उस व्यक्ति की अच्छी बातों को याद करना चाहिए और उन बातों को अपने जीवन में उतारने की कोशिश करनी चाहिए। उपहार हमें उस व्यक्ति की और उसकी बातों की याद दिलाते रहते हैं।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *