सीख; तारकासुर को वर मिला था कि शिव जी का पुत्र ही उसका अंत कर सकेगा, तारकासुर की वजह से दुखी देवता शिव जी के पास पहुंचे, देवताओं ने कहा कि आप कार्तिकेय स्वामी को…..
एक बच्चे के लिए उसके पिता गुरु की भूमिका भी निभाते हैं। पिता की अच्छी सीख बच्चों का भविष्य सुधार सकती है और पिता की लापरवाही बच्चों का भविष्य बिगाड़ भी सकती है। शास्त्रों में भी पिता-पुत्र से जुड़ी कई कथाएं हैं, इन कथाओं से हम समझ सकते हैं कि पिता बच्चों का जीवन कैसे सुधार सकता है…
- शिव जी और कार्तिकेय का किस्सा
शिव जी के पुत्र कार्तिकेय का पालन एक वन में कृतिकाओं ने किया था। बाद में जब शिव जी को कार्तिकेय के बारे में मालूम हुआ तो उन्हें कैलाश बुलाया गया। उस समय तारकासुर का आतंक था। तारकासुर को वर मिला था कि शिव जी का पुत्र ही उसका अंत कर सकेगा।
तारकासुर की वजह से दुखी देवता शिव जी के पास पहुंचे। देवताओं ने कहा कि आप कार्तिकेय स्वामी को युद्ध करने की अनुमति दें, ताकि वह तारकासुर का वध कर सके और तीनों लोकों को उसके आतंक से मुक्ति मिले। शिव जी ने बहुत समय बाद आए हुए अपने पुत्र कार्तिकेय को देवताओं की मदद के लिए तुरंत भेज दिया था।
सीख – समाज को जब भी हमारी संतान की जरूरत हो तो उसे रोकना नहीं चाहिए।