सीख; मंदोदरी ने रावण से कहा कि आप सीता को सकुशल राम को लौटा दीजिए, राम कोई सामान्य इंसान नहीं हैं, लेकिन रावण ने मंदोदरी की सलाह का अनादर……

इससे पहले आपने एक किस्सा श्रीराम और सीता का पढ़ा और अब पढ़िए रावण और मंदोदरी से जुड़ा किस्सा। एक और जहां श्रीराम सीता जी की मदद के लिए तैयार रहते हैं, उनका सम्मान करते हैं, वहीं दूसरी ओर रावण अपनी पत्नी मंदोदरी का अपमान करता है।

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सीता हरण के बाद का किस्सा है। श्रीराम पूरी वानर सेना के साथ लंका पहुंच गए थे। जब ये बात मंदोदरी को मालूम हुई तो वह समझ गई कि अब लंका का भविष्य खतरे में है। मंदोदरी तुरंत ही रावण के पास पहुंची और कहा कि आप सीता को सकुशल राम को लौटा दीजिए। राम कोई सामान्य इंसान नहीं हैं। उनसे दुश्मनी न करें।

मंदोदरी बहुत विनम्रता के साथ ये बात कह रही थी, लेकिन रावण ने मंदोदरी की सलाह का अनादर कर दिया। रावण ने मंदोदरी का अपमान किया और वहां से चला गया।

रावण के जाने के बाद मंदोदरी समझ गई कि इनका अंहकार ही इनका सबसे बड़ा शत्रु है।

यहां रावण ने मंदोदरी की सलाह नहीं मानी, बल्कि उसका अपमान भी किया। इसका नतीजा ये हुआ कि श्रीराम के हाथों रावण मारा गया और रावण के पूरे वंश का ही नाश हो गया।

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