सेना के जवान का आया तलाकशुदा औरत पर दिल, शादी करने का दबाव पर जवान ने किया कुछ ऐसा जिसे देख हैरान रह गई पुलिस……
सेना के जवान अजय वानखेड़े का 32 वर्षीय ज्योत्सना आकरे के साथ लंबे समय से अफेयर चल रहा था. दोनों की मुलाकात एक मैट्रिमोनियल साइट पर हुई थी. कुछ समय तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद, ज्योत्सना ने वानखेड़े पर शादी के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया. इसके बाद वानखेडे़ ने ऐसा कदम उठाया, जिससे पुलिस भी हैरान रह गई.
महाराष्ट्र के नागपुर में हत्या का एक ऐसा मामला सामने आया, जो बिल्कुल ‘दृश्यम’ फिल्म की कहानी जैसा है. यह हत्याकांड किसी और ने नहीं, बल्कि एक फौजी ने किया. उसने अपने जुर्म को छुपाने के लिए ऐसा दिमाग लगाया कि पुलिस का भी माथा घूम गया. हालांकि उसकी एक गलती भारी पड़ गई और पुलिस के सामने सारे राज खुल गए.
आरोप है कि अजनी के रहने वाले सेना के जवान अजय वानखेड़े पर आरोप है कि उन्होंने अपनी प्रेमिका की हत्या कर शव को नागपुर के पास बूटीबोरी के जंगल में दफना दिया. इसके बाद उसने प्रेमिका का मोबाइल एक ट्रक में फेंक दिया था, ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके. हालांकि पुलिस ने मोबाइल को हैदराबाद और बाद में छत्तीसगढ़ में ट्रेस किया और लड़की की लाश तक भी पहुंच गई
पुलिस ने 33 साल के अजय वानखेड़े को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. पुलिस के मुताबिक, अजय का 32 वर्षीय ज्योत्सना आकरे के साथ लंबे समय से अफेयर चल रहा था. ज्योत्सना उसपर शादी का दबाव बना रही थी, इसीलिए उसने यह खौफनाक कदम उठाया.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों की मुलाकात एक मैट्रिमोनियल साइट पर हुई थी. उन्होंने बताया कि तलाकशुदा ज्योत्सना ने शादी के लिए मैट्रिमोनियल साइट पर अपना नाम रजिस्टर करवाया था. कुछ समय तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद, ज्योत्सना ने वानखेड़े पर शादी के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया. पहले से शादीशुदा होने के कारण वानखेड़े शादी से आनाकानी करता रहा.
ज्योत्सना का दबाव जब उसके लिए बर्दाश्त से बाहर हो गया, तो उसने उसे मारने की साजिश रच डाली. पुलिस का मानना है कि वानखेड़े ने ज्योत्सना को बूटीबोरी के पास एक सुनसान जगह पर बुलाया. वहां पहले उसे शराब पिलाई और उसके बेहोश होने के बाद उसकी हत्या कर दी. वानखेड़े ने फिर लाश को दफनाने के बाद उस गड्ढे को पत्तों और पेड़ की शाखाओं से ढक दिया और उस पर पत्थर भी रख दिए, ताकि वह जंगल की जमीन जैसा दिखे.
वानखेड़े ने फिल्म ‘दृश्यम’ की तरह ही वर्धा रोड से गुजर रहे एक ट्रक में उसका मोबाइल फेंक दिया. इसके बाद वानखेड़े पुणे गया और वहां काफी वक्त तक आर्मी अस्पताल में भर्ती रहा. उधर काफी दिनों तक ज्योत्सना का पता नहीं चला तो पुलिस में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया गया. काफी छानबीन के बाद भी पुलिस को उसका कोई सुराग नहीं मिला. उन्होंने मोबाइल का लोकेशन ट्रेस किया तो वह अलग-अलग जगहों पर दिखाई दे रही थी.
उस मोबाइल लोकेशन का पता लगाते हुए पुलिस एक ट्रक ड्राइवर के पास पहुंची. पता चला कि उसने मोबाइल में अपना सिम कार्ड लगा लिया था और काम के सिलसिले में देशभर में घूम रहा था. इससे पुलिस को लगा कि ज्योत्सना भाग गई है या इधर-उधर घूम रही है. ऐसे में पुलिस उसके प्रेमी वानखेड़े से पूछताछ करने पहुंची तो वह अदालत जा पहुंचा. उसने सेशन कोर्ट से अग्रिम जमानत की गुहार लगाई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया.
वानखेड़े के इस कदम से पुलिस का शक गहरा गया. पुलिस ने उससे पूछताछ की तो शुरुआत में तो अपना जुर्म कबूल करने से इनकार कर दिया. हालांकि पुलिस ने जब सख्ती की तो वह टूट गया और अपना जुर्म कबूल कर लिया. इसके बाद वह पुलिस को उस जगह पर भी ले गया, जहां उसने शव दफनाया था.