हमारी आत्मा में भी होता है वजन! जानिये कितना है आपकी आत्मा का वजन
श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि आत्मा अजर-अमर है और शरीर नश्वर है। इसका अर्थ है कि केवल शरीर मरता है जबकि आत्मा शरीर बदलती है। हालांकि, साइंस इस थ्योरी को नहीं मानती है लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि कुछ तो ऐसा है जो इस दुनिया का संचालन करता है। आत्मा होती है या नहीं, यह आदिकाल से चर्चा का विषय बना हुआ है। बीच-बीच में इसको लेकर कई प्रयोग भी किए गए है। इस बीच एक एक्सपेरिमेंट साल 1909 में डंकनडॉगल नाम के एक डॉक्टर ने अपने चार साथियों के साथ मिलकर किया था।
दरअसल, उन्होंने यह एक्सपेरिमेंट मनुष्य के शरीर के वजन के आधार पर किया था। मानव शरीर के सभी अंगों का कुछ न कुछ तो वजन होता है और अगर इसमें आत्मा का वास होता है तो जाहिर सी बात है कि आत्मा का भी कुछ न कुछ वजन तो होता होगा। इसी का पता लगाने के लिए डंकनडॉगल ने प्रयोग किया था। जिसमें उनके मुताबिक चौंकाने वाली बात सामने निकलकर आई थी। उन्होंने अपने इस एक्सपेरिमेंट के तहत 6 मरीजों का वजन नापा, जो मौत के करीब थे।
डंकनडॉगल के मुताबिक, ”मरीजों की मौत के बाद जब दोबारा उनका वजन नापा तो पता चला कि उनका वजन 21 ग्राम कम है.” हालांकि ध्यान देने वाली बात यह भी थी कि सभी का वजन समान रुप से कम नहीं हुआ था। इसके बाद वह इस निष्कर्ष पहुंचे कि आत्मा का वजन 21 ग्राम होता है। डंकन के इस एक्सपेरिमेंट ने जमकर सुर्खियां बटोरी थी।
हालांकि, इस रिसर्च को लेकर कई खामियां भी सामने आईं थी। इस दौरान टीम के दो डॉक्टरों के डेटा को रिसर्च में शामिल नहीं किया गया। इस शोध को लेकर लोग दो धड़ों में बंट गए थे। डॉ. डंकन खुद इस शोध को लेकर पूरी तरह श्योर नहीं थे, उन्होंने इसे केवल प्रारंभिक जांच बताया और इसके बारे में और शोध करने को कहा। उस दौरान वैज्ञानिकों ने भी उनके शोध के प्रयोग और परिणाम को मानने से इनकार कर दिया।
इसके अलावा डॉ. डंकन ने 15 कुत्तों पर भी यह प्रयोग किया लेकिन इसके परिणाम नेगेटिव आए थे। उनके मुताबिक, “मौत के वक्त उनके शरीर के वजन में कोई बदलाव नहीं देखा गया।” उनके मुताबिक, “मौत के समय इंसान के शरीर के वजन में बदलाव होता है, क्योंकि उनके शरीर में आत्मा होती है। कुत्तों के शरीर में बदलाव नहीं होता क्योंकि उनके शरीर में आत्मा नहीं होती है।”