जवानी में दिया था अपराध को अंजाम, फिर 48 साल बाद पकड़ में आए, कुछ ऐसे अंदाज में हुई मामा-भांजे की गिरफ्तारी

अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, कोई न कोई गलती कर ही जाता है. बस, ऐसी ही गलती खंडवा के मामा-भांजे ने भी कर दी और अपराध के 48 साल बाद पुलिस ने उनको गिरफ्तार करने में सफलता पाई. लेकिन ये इतना आसान नहीं था…

जवानी में अपराध किया, पर पकड़े बुढ़ापे में गए. अब इसे क्या कहा जाए… कानून के हाथ लंबे हैं या कानून के घर देर है अंधेर नहीं. जो भी कहें, खंडवा की इस घटना ने पूरे शहर को हैरान करके रख दिया है. दरअसल, खंडवा पुलिस ने सालों से फरार मामा-भांजे को गिरफ्तार किया है. इन दोनों ने 19 और 20 साल की उम्र में अपराध किया था, लेकिन जब ये पकड़े गए तब इनकी उम्र क्रमश: 67 और 68 साल हो गई थी.

गिरफ्तार आरोपी शहर के हिस्ट्रीशीटर बदमाश यूसुफ फेगड़ा का भाई और भांजा बताया जा रहा है. ये मामा-भांजे 48 साल से पुलिस की आंखों में धूल झोंक रहे थे. आरोपियों को एक प्रधान आरक्षक ने शादी समारोह से पकड़ा है. जवानी में अपराध कर भागने वाले आरोपियों की बढ़ती उम्र के साथ चेहरे में भी बदलाव आ चुका था. चेहरे पर झुर्रियां थीं, सिर के बाल भी उड़ गए थे. पुरानी फोटो में देखकर उन्हें पहचानना बेहद मुश्किल था.

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, आरोपियों की कटी उंगलियां और टेढ़ी चाल से वे पहचान में आ गए. दोनों को प्रधान आरक्षक ने पकड़कर मोघट रोड पुलिस के सुपुर्द किया. आरोपियों को गिरफ्तार करने वाले हेड कांस्टेबल रफीक खान ने बताया कि मोघट रोड थाने के दो फरार स्थाई वारंटी शकील (67) व हमीद (68) निवासी रामेश्वर रोड को शहर के एक शादी समारोह से गिरफ्तार किया है. हमीद हिस्ट्रीशीटर बदमाश यूसुफ फेंगड़ा का भाई है, जबकि शकील उसका भांजा है.

दोनों आरोपियों ने 48 साल पहले एक युवक के साथ मारपीट की थी. फिर शहर से भाग गए. तब हमीद की उम्र 20 वर्ष और शकील सिर्फ 19 साल का था. शकील व हमीद इंदौर के चंदननगर इलाके में बस गए थे. हमीद ने इंदौर व पुणे दोनों जगह फरारी काटी. फरारी के दौरान ही पुलिस ने चालान पेश किया. कोर्ट ने वारंट जारी किया. फिर आरोपियों का स्थाई वारंट जारी हुआ. दोनों को पुलिस से बचते रहे. कोर्ट ने एक बार फिर पुराने स्थाई वारंटियों को गिरफ्तार करने के आदेश निकाले तो दोनों का वारंट फिर जारी हुआ.

मामा-भांजे की गिरफ्तारी के लिए एक्सपर्ट प्रधान आरक्षक रफीक खान को लगाया गया. दोनों आरोपियों के घर व रिश्तेदारों पर रफीक लगातार नजर रखे हुए थे. इस बीच खबर मिली कि आरोपियों के रिश्तेदार के घर शादी है, जिसमें सभी रिश्तेदार आए हैं. हेड कांस्टेबल रफीक खान को मुखबिरों से खबर मिली थी की फरार शकील व हमीद शादी में आए हैं. अब वे बूढ़े हो चुके हैं. उनके चेहरे भी काफी बदल चुके हैं. उनकी पहचान कटी उंगलियां और टेढ़ी चाल है. रफीक खान भी मेहमान बनकर शादी में पहुंचे और आरोपियों को पकड़ लिया.

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