रेलवे स्टेशन पर खड़े हुए थे दो लड़के, हाथ में था थैला, जब जीआरपी ने उनसे पूछा- कौन हो दोनों, जवाब सुनते ही…
गोरखपुर रेलवे जंक्शन पर जीआरपी टीम रुटीन चेकिंग में जुटी हुई थी. इसी बीच टीम की नजर प्लेटफॉर्म नंबर एक के गेट पर खड़े दो युवकों पर पड़ी. युवक ने जैसे ही जीआरपी देखा तो घबरा गए. शक होने पर जीआरपी उनके पास पहुंची. जीआरपी ने दोनों को तलाशी देने को कहा. तलाशी लेते ही जो मिला, वहां पर मौजूद लोगों को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ.
गोरखपुर की रेलवे पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है. जीआरपी ने झारखंड के शातिर मोबाइल चोर गैंग का भंडाफोड़ किया है. जीआरपी ने सरगना मनोज मंडल समेत दो शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार मोबाइल चोरों के पास से चोरी के 44 मोबाइल, तमंचा और चाकू बरामद किया गया है. दिलचस्प बात यह है कि शातिर मोबाइल चोरों का गैंग छोटे बच्चों से मोबाइल चोरी कराता था. मास्टर माइंड मनोज मंडल ने दोनों भाइयों को 15 हजार सैलरी पर मोबाइल चोरी का काम दे रखा था. दोनों का काम मोबाइल चुराकर सरगना के पास लाना था. सरगना चोरी के मोबाइल बांग्लादेश और नेपाल में सस्ते दामों पर भेजता था और काली कमाई करता था. पुलिस को आरोपियों के पास से 44 एंड्रॉयड फोन मिले हैं, जिनकी कीमत 10 लाख रुपये बताई जा रही है.
एसपी रेलवे संदीप मीणा ने बताया कि शातिर गैंग के पास से बरामद चोरी के 44 मोबाइल मिले हैं जिनकी कीमत 10 लाख रुपये है. बदमाश चोरी का मोबाइल नेपाल और बंग्लादेश में बेचा करते थे. अंतरजनपदीय मोबाइल चोरों कई मुकदमें दर्ज हैं.
मीणा ने बताया कि सर्विलांस के जरिए GRP को सूचना मिली थी कि चोरों का एक गिरोह रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक के मुख्य गेट पर खड़ा है. संदेश मिलते ही जीआरपी अलर्ट पर आ गई. बदमाशों की घेराबंदी कर उन्हें दबोच लिया. सरगना मनोज मंडल, करन कुमार नोनिया और उसका नाबालिग भाई गैंग में शामिल हैं. सभी आरोपी झारखंड के साहबगंज के रहने वाले हैं.
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी ट्रेनों और आसपास के जिलों में मोबाइल या अन्य सामान की चोरी करते थे. रेलवे स्टेशन के पास और भीड़भाड़ वाले बाजारों में आने-जाने वालों को निशाना बनाते थे. संतकबीरनगर में लगने वाला कपड़े का बरदहिया बाजार, महराजगंज का परतावल बाजार, कुशीनगर का हाटा बाजार, सुकरौली बाजार और कुसम्ही बाजार रहता था और बस स्टेशन पर चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे. आरोपियों ने दुर्गाबाड़ी में किराए पर कमरा ले रखा था. मास्टरमाइंड मनोज मंडल हमेशा किसी न किसी ऑटो के पास रहता था. तीनों एकदूसरे के संपर्क में रहते थे.