49 साल बाद जब पुलिस की मदद से अपने परिवार वालों से मिली महिला, 8 साल की उम्र में हो गई थी घर से गायब
आठ साल की उम्र में जो बच्ची अपने परिजनों से बिछड़ हई वह 49 साल के बाद आजमगढ़ में अपने परिजनों से मिली। महिला को मिलाने में स्कूल की महिला प्रिंसिपल और एक पुलिस अधिकारी का बड़ा योगदान है।
आजमगढ़ पुलिस ने 49 वर्षों से अपने घर से पिछड़ी एक महिला को उसके परिवार से मिलाने का कार्य किया है। महिला जब गायब हुई थी तब उसकी उम्र मात्र 8 वर्ष थी। हालांकि गायब होने के समय वह केवल अपने गांव च्यूंटीडांड़ जिला आजमगढ़ का नाम जान रही थी और यही 49 वर्षों तक उनके दिमाग में बैठा रहा। उनको यह भी याद था कि घर के सामने एक कुआं है। महिला का नाम फूलमती देवी है और वह वर्तमान में रामपुर जिला के एक प्राथमिक विद्यालय में बताओ रसोईया कम कर रही है।
फूलमती देवी ने बताया कि वह मेले देखने गई थी। मेले में एक बाबा मिले और चीज देकर मुझे लेकर गए थे और उन्होंने किसी को बेच दिया। जिसने मुझे खरीदा उन्होंने मुझसे शादी कर दी। लालता प्रसाद नाम के शख्स ने शादी की और उनसे एक बेटा हुआ। जब पांच साल का बेटा था तब वह मर गए। इसके बाद हम मजदूरी करके जीवनयापन कर रही थी।
जिस प्राथमिक विद्यालय में कार्य कर रही है उसी की महिला हेड मास्टर ने जब फूलमती देवी की कहानी सुनी तो उन्होंने उसको भरोसा दिया कि एक परिचित पुलिस अधिकारी जो की आजमगढ़ में वर्तमान में तैनात हैं उनसे संपर्क कर वह पता लगाने की कोशिश करेंगी। आजमगढ़ के एसपी सिटी शैलेंद्र लाल से उन्होंने संपर्क साधा तब आजमगढ़ की पुलिस फूलमती देवी के जड़ की तलाश में जुट गई। तब पता चला कि फूलमती जिस च्यूंटीडांड़ का नाम ले रही है वह वर्तमान में मऊ के दोहरीघाट थाना क्षेत्र में स्थित है। आजमगढ़ के लाटघाट चौकी प्रभारी जफर खान ने पता लगाया तब परिवार के लोग मिलते गए। पता चला कि फूलमती के मामा रामचन्दर च्यूंटीडांड़ में रहते हैं। जिनके घर के बाहर आज भी कुआं है।
हालांकि जब पुलिस पहुंची तब जानकारी हुई कि फूलमती के तीन मामा में से एक ही मामा रामहित पुत्र पांचू जिंदा हैं। वहीं यह भी पता चला कि फूलमती का एक ही भाई है जिसका नाम लालधर पुत्र स्व विक्रम है। जो आजमगढ़ के रौनापार थाना के ग्राम वेदपुर में है। इसके बाद पुलिस ने रामपुर से फूलमती को आजमगढ़ लाकर परिवार से मिलवाया।