महिला पुलिस अधिकारी बता रही थी कि कैसे पैदा किया जा सकते हैं ओजस्वी बच्चे, वायरल हो गई वीडियो

मध्य प्रदेश में एक महिला पुलिस अधिकारी ने स्कूल में व्याख्यान दिया। इस दौरान उन्होंने बताया कि आखिर ओजस्वी बच्चे कैसे पैदा किये जा सकते हैं। महिला पुलिस अधिकारी का यह वीडियो अब वायरल हो रहा है, जिसपर उन्होंने सफाई दी है।

मध्य प्रदेश में एक महिला पुलिस उपमहानिरीक्षक का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ओजस्वी बच्चे पैदा करने के लिए क्या करें और क्या न करने की सलाह देती नजर आ रही हैं। इस वायरल वीडियो में पुलिस अधिकारी, पूर्णिमा की रात को गर्भधारण न करने सहित कई बातें बताते दिख रही हैं। दरअसल शहडोल जिले की पुलिस उपमहानिरीक्षक सविता सोहाने पिछले साल 4 अक्तूबर को एक निजी स्कूल में व्याख्यान देने पहुंची। इस दौरान उन्होंने निजी स्कूल के 10वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को बालिकाओं की सुरक्षा के लिए जागरूकता कार्यक्रम में व्याख्यान दिया।

इस वीडियो में पुलिस अधिकारी को यह कहते सुना जा सकता है कि ‘आप पृथ्वी पर नया बचपन (नई पीढ़ी) लाएंगे। आप इसे कैसे अंजाम देंगे।’ उन्होंने वीडियो में कहा, “इसके लिए आपको योजना बनाने की जरूरत है। पहली बात यह ध्यान रखें कि पूर्णिमा के दिन गर्भधारण न करें। सूर्य देवता को जल चढ़ाकर नमस्कार करें, ताकि ‘ओजस्वी’ संतान पैदा हो।” इस टिप्पणी के लिए जब उनसे संपर्क किया गया तो सविता ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि उन्हें धर्मग्रंथ पढ़ना, हिंदू संतों के प्रवचन को सुनना और व्याख्यान देना बेहद पसंद है। उन्होंने बताया कि मैं हूं अभिमन्यु कार्यक्रम को वह संबोधित कर रही थीं, जिसका उद्देश्य बालिकाओं के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना और सुरक्षित वातावरण बनाना था।

उन्होंने बताया, ‘हर महीने मैं एक स्कूल में व्याख्यान देती हूं। 31 साल पहले पुलिस सेवा में शामिल होने से पहले, मैं चार साल तक सागर जिले के एक सरकारी इंटर कॉलेज स्कूल में प्राध्यापक थीं।’ उन्होंने बताया, मैंने जो कहा, ‘वह आध्यात्मिक आनंद की खोज में मिली जानकारी पर आधारित था।’ अधिकारी ने पूर्णिमा की रात गर्भधारण से बचने की सलाह के बारे में बताया कि हिंदू धर्म में इसे पवित्र अवधि माना जाता है। उन्होंने बताया कि एक घंटे से अधिक समय तक दिए गए व्याख्यान का उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हो रहे जघन्य अपराधों के बीच बालिकाओं के प्रति सम्मान की भावना पैदा करना था, लेकिन इसका केवल एक हिस्सा ही प्रसारित किया गया और संदर्भ हटा दिया गया।

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