11 साल पहले अचानक गायब हो गया था लड़का, वापस आया तो बन चुका था किन्नर, बोला नहीं रहना चाहता परिवार के साथ
एमपी के हरदा में एक पिता को उसका 11 साल पहले लापता हो चुका बेटा मिल तो गया. लेकिन बेटा अब उनके साथ नहीं रहना चाहता. वो किन्नर बन चुका है. पुलिस पूछताछ में युवक ने बताया कि उसका रहन सहन देखकर गांव वाले मजाक उड़ाते थे. उसे अलग-अलग तरीके से चिढ़ाते थे. इस कारण वह परेशान होकर परिवार छोड़कर भाग गया.
मध्य प्रदेश के हरदा से ऐसी खबर सामने आई है जिसने सभी के होश उड़ा दिए. यहां एक लड़का 11 साल पहले अचानक गायब हो गया था. परिवार ने उसे खूब तलाशा. तमाम कोशिशों के बावजूद वो नहीं मिला. इसके बाद लड़के के पिता ने गांव के ही पांच लोगों के खिलाफ अपने बेटे की हत्या का इल्जाम लगा दिया. केस चला और बंद भी हो गया. फिर अचानक एक दिन उस गुमशुदा लड़के का पता चल गया. वो किन्नर बन चुका था. अब वो घर वापस नहीं लौटना चाहता.
घटना रहटगांव की है. जुलाई 2013 को यहां थाने में एक पिता की रिपोर्ट पर उसके बेटे की गुमशुदगी का केस दर्ज किया गया था. पुलिस ने गुमशुदा राजसिंह (परिवर्तित नाम) की तलाश शुरू की. काफी प्रयास करने के बाद उसका कहीं कुछ पता नहीं चल पाया. इसके बाद जनवरी 2017 में गुमशुदा राजसिंह के पिता ने विशेष सत्र न्यायालय हरदा में परिवाद दायर किया. जिसके बाद गांव के ही 5 लोगों के खिलाफ उन्होंने अपने गुमशुदा बेटे की हत्या कर लाश को गायब करने का आरोप लगाया.
इसके बाद कोर्ट ने अगस्त 2017 में निर्णय जारी कर पुलिस को केस दर्ज करने के निर्देश दिए. आरोपियों के खिलाफ थाना रहटगांव में मामला दर्ज किया गया. पुलिस जांच के दौरान गुमशुदा मृतक राजसिंह (परिवर्तित नाम) की तलाश में जुटी रही. लेकिन हत्या का कोई ठोस सबूत नहीं मिला. इसके बाद साल 2019 में अगस्त के महीने में केस बंद कर दिया गया.
उधर, पीड़ित पिता पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुए. उन्होंने फरवरी 2021 में खात्मा अस्वीकृत कर दोबारा जांच की मांग की. इसके बाद 2023 में खात्मा खोलकर मामले की जांच शुरू की गई. एसडीओपी आकांक्षा तलया ने बताया- सितंबर 2023 में उन्हें इस प्रकरण की जांच मिली. जांच में गुमशुदा के परिजनों, ग्रामीणों और संदेहियों से फिर से पूछताछ की पर कामयाबी नहीं मिली. बावजूद इसके पुलिस लगातार कोशिश करती रही
एसडीओपी आकांक्षा तलया ने बताया- गुमशुदा शख्स के परिजनों, ग्रामीणों और संदेहियों से पूछताछ से पता चला कि उसकी किसी से कोई रंजिश नहीं थी. लेकिन बातचीत यह पता चला कि उसका रहन-सहन और बात करने का तरीका किन्नर जैसा था. फिर इस दिशा में जांच शुरू की गई और एक टीम गठित कर जिला हरदा व आसपास के जिलों की किन्नर टोलियों से फोटो के आधार पर पूछताछ की गई.
मुखबिरों को सक्रीय किया गया. फिर गुमशुदा राजसिंह (परिवर्तित नाम) के जीवित होने एवं दिल्ली व पंजाब के अलग अलग क्षेत्रों में किन्नर के रूप मे रहकर जीवन यापन करने की जानकारी मिली. हरदा पुलिस की एक टीम दिल्ली पहुंची और 11 सालों बाद गुमशुदा राजसिंह को सुरक्षित व जीवित ढूंढ निकाला.
पुलिस पूछताछ में युवक ने बताया कि उसका रहन सहन देखकर गांव वाले मजाक उड़ाते थे. उसे अलग-अलग तरीके से चिढ़ाते थे, जिसके कारण वह परेशान होकर परिवार छोड़कर भाग गया. उसने कहा कि मेरी हरकतें महिलाओं की तरह थीं. युवक ने अब अपने परिवार के साथ रहने से मना कर दिया. उसने कहा कि मैंने अपने लिए एक अलग दुनिया बनाई है और अब मैं उसी दुनिया में रहूंगा.