बेटी हुई पैदा तो ससुरालयों से मांगने लगा दहेज, नहीं दिया तो 19 साल बाद विवाहिता को निकाला घर से बाहर
बेटी की शादी में दहेज देने के बाद अगर उसे भी बेटी पैदा हुई तो ससुराली फिर दहेज की मांग कर रहे हैं। यह दहेज पैदा हुई बच्ची की शादी के लिए मांगा जाता है। न करने पर सालों पुरानी शादियां टूट रही हैं। ऐसा मामला गोरखपुर से सामने आया है।
बेटी की शादी में दहेज देने के बाद अगर उसे भी बेटी पैदा हुई तो ससुराली फिर दहेज की मांग कर रहे हैं। यह दहेज पैदा हुई बच्ची की शादी के लिए मांगा जाता है। ऐसा न करने पर सालों पुरानी शादियां टूट रही हैं। बेटी पैदा होने पर बहू को जिम्मेदार मानकर प्रताड़ित किया जा रहा है। ऐसे एक मामले में दहेज न मिलने पर शादी के 19 साल बाद विवाहिता को घर से निकाल दिया गया। पुलिस में मामला दर्ज किया गया है।
गोरखपुर के एम्स थाना क्षेत्र के रुद्रापुर की राजकुंवर की बेटी सरोज की शादी 2006 में महराजगंज पनियरा के रामनगर के रहने वाले देवेन्द्र नाथ से हुई थी। सरोज की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी 11 साल की है तो छोटी छह साल की है। सरोज का आरोप है कि दूसरी बेटी के पैदा होने के बाद ससुरालवालों ने बेटियों की शादी और खर्च का हवाला देकर दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पांच लाख रुपये मायके से लेकर आने का दबाव बनाने लगे। इस मामले में पंचायत भी हुई लेकिन ससुराल के लोग दहेज के लिए जिद पर अड़े रहे। इस बीच 27 दिसंबर को मारपीट कर घर से निकाल दिया। सारे गहने भी छीन लिए। मायके आई सरोज देवी ने एम्स थाने में तहरीर दी, जिसके बाद पुलिस ने पति, ससुर, ननद और ननदोई पर केस दर्ज कराया। सरोज की शादी के 19 साल हो गए थे लेकिन दहेज को लेकर संबंध एक झटके में टूट गया।
इससे पूर्व झंगहा थानाक्षेत्र के मोतीराम अड्डा गुदरी टोला में बेटे के लिए झाड़-फूंक करा रहे ससुरालियों का विरोध करने पर उसे जलाने का मामला सामने आया है। पिपराइच थानाक्षेत्र के बजरंग नगर माली टोला निवासी रामजी विश्वकर्मा की बेटी शिल्पी विश्वकर्मा की शादी 2006 में झंगहा के मोतीराम अड्डा गुदरी टोला निवासी हरिनारायण विश्वकर्मा के लड़के शैलेश विश्वकर्मा उर्फ फौजदार से हुई थी। रामजी विश्वकर्मा का आरोप है कि उनकी बेटी को रविवार की रात 7 बजे पति व अन्य लोगों ने जलाकर जान से मारने की कोशिश की। वह बुरी तरह से झुलस गई है। पुलिस ने पति शैलेश को हिरासत में ले लिया। शिल्पी ने बताया कि दो बच्चियां पैदा होने से ससुराल के लोगों की प्रताड़ना बढ़ गई थी।
बेटे की चाहत में परिवार के लोग भूत-प्रेत आदि बताकर तरह-तरह की यातनाएं देते हुए उत्पीड़न कर रहे थे। सोखा से झाड़-फूंक करवाया जा रहा था। शिल्पी ने कहा कि वह एमए तक पढ़ी है, झाड़-फूंक में विश्वास नहीं करती थी। इससे परिवार के लोग नाराज हो जा रहे थे। हालांकि, पति शैलेश का कहना है कि अलाव सेंकते समय अचानक आग की लपटें साड़ी तक पहुंच गई, जिससे वह झुलस गई।