रसोईया बनकर डकैत रहने लगा घर में, कंपनी के मालिक की पत्नी के साथ……करोड़ों का कैश और जेवर लेकर…….

दिल्ली पुलिस ने नोएडा में हुई डकैती के मामले में दो आरोपियों राजेश राय और परवीन को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने 4.70 लाख रुपये बरामद किए हैं. डकैती में कुल आठ लोग शामिल थे.

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की इंटर-स्टेट सेल (आईएससी) ने नोएडा (उत्तर प्रदेश) में हुई एक सनसनीखेज डकैती के मामले को सुलझाते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान बिहार के मधुबनी निवासी राजेश राय (41 वर्ष) और दिल्‍ली के शाहबाद डेयरी निवासी परवीन उर्फ सोनू उर्फ मोटा (30 वर्ष) के रूप में हुई है. पुलिस ने आरोपियों के कब्‍जे से 4.70 लाख रुपये भी बरामद किए हैं.

दिल्‍ली पुलिस के एडिशनल कमिश्‍नर ऑफ पुलिस (क्राइम ब्रांच) संजय कुमार सैन के अनुसार, यह मामला 22 फरवरी 2025 को नोएडा के सेक्टर-61 में हुई एक हाई-प्रोफाइल डकैती की वारदात को अंजाम दिया गया था. वारदात में एक प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी के निदेशक की पत्नी को आरोपियों ने पहले बंधक बनाया और फिर डकैती की वारदात को अंजाम दिया था. वारदात को अंजाम देने वाले डकैत घर से 60 लाख रुपये नगद, कीमती गहने और प्रापर्टी डॉक्‍यूमेंट लूट ले गए थे.

इस वारदात को लेकर नोएडा के सेक्टर-58 थाने में एफआईआर दर्ज कर मामले की तफ्तीश शुरू की गई थी. वहीं, वारदात को अंजाम देने वाले डकैतों की तलाश में नोएडा पुलिस लगातार प्रयासरत थी.

एडिशनल कमिश्‍नर ऑफ पुलिस (क्राइम ब्रांच) संजय कुमार सैन के अनुसार, नोएडा सेक्टर-61 में हुई डकैती की वारदात दिल्‍ली पुलिस के संज्ञान में थी. बंधक बनाकर डकैती की इस वारदात की गहन जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रणनीति तैयार की गई. मामले की जांच में शामिल हेड कांस्टेबल सुनील को पता चला कि वारदात को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपियों में से एक आरोपी परवीन उर्फ सोनू उर्फ मोटा दिल्‍ली के शाहबाद डेयरी इलाके का रहने वाला है.

तफ्तीश के दौरान, पुलिस को पता चला कि परवीन दिल्ली के कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन के करीब आने वाला है. जिसके बाद, इंस्पेक्टर सतेंद्र मोहन और महिपाल सिंह के नेतृत्व में इलाके में छापेमरी कर दी गई. जैसे ही आरोपी परवीन मौके पर पहुंचा, पुलिस टीम ने उसे धर दबोचा. पूछताछ में आरोपी परवीन ने अपने गिरोह और लूटे गए सामान के बारे में पुलिस को बताया. परवीन की निशानदेही पर आरोपी राजेश राय को गिरफ्तार कर लिया गया. राजेश राय डकैती के मुख्‍य साजिशकर्ताओं में से एक था.

पूछताछ के दौरान राजेश ने कबूल किया कि वह और अमित इस अपराध के मास्टरमाइंड थे. उसने बताया कि वे कई हफ्तों से डकैती की योजना बना रहे थे. साजिश के तहत, देवेंद्र को राहुल के झूठे नाम से रसोइए के तौर पर पीड़ित के घर में दाखिल करा दिया गया. राजेश ने यह भी कबूल किया कि गिरोह के कुछ सदस्य मधुबनी और चंपार, बिहार से भी है. राजेश और अमित ने रसोइए देवेंद्र की मदद से पीड़ित के घर में आसानी से प्रवेश किया और पीड़िता को बंधक बना लिया.

साजिश के तहत, सोनू और अमित के दो अन्य साथी घर के बाहर निगरानी कर रहे थे. उनकी जिम्मेदारी आसपास के इलाके पर नजर रखना और किसी भी बाहरी खतरे या आने वाले लोगों के बारे में दूसरों को सतर्क करना था. डकैती की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी पीड़िता की फॉर्च्यूनर कार में भाग गए, लेकिन जीपीएस की संभावना के कारण उन्होंने उसे नोएडा में छोड़ दिया. पूछताछ के दौरान, सोनू ने खुलासा किया कि कुल लूटी गई रकम 60 लाख रुपये नकद, सोने के गहने और दस्तावेज थे.

सोनू ने यह भी कबूल किया कि उसे और राजेश राय को लूट में से 8 लाख रुपये का हिस्सा मिला, जिसमें से 4.70 लाख रुपये उनसे बरामद किए गए है. पूछताछ में यह भी पता चला कि डकैती की वारदात में कुल आठ लोग शामिल थे. जिसमें छह लोगों ने वारदात को अंजाम दिया. एक ने रसोइया बन डकैतों को घर में घुसने में मदद की. जबकि एक आरोपी ने सिम कार्ड उपलब्‍ध कराए. वारदात को अंजाम देने के बाद सभी ने डकैती की रकम और जेवर को बराबर बराबर बांट लिया.

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