पाकिस्तान से अब्दुल रहमान को मिल रहे थे निर्देश, 4 मार्च के बाद राम मंदिर पर था हमले का प्लान

हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) मॉड्यूल से जुड़े कथित संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान को 4 मार्च को अयोध्या जाना था, लेकिन 2 मार्च को ही उसे दबोच लिया गया। गुजरात एटीएस और पलवल एसटीएफ की संयुक्त टीम द्वारा गिरफ्तार अब्दुल रहमान से बुधवार को एनआईए और आईबी की टीम ने पूछताछ की। इस दौरान आरोपी ने कई खुलासे किए हैं।

बताया गया है कि वह 4 मार्च को अयोध्या पहुंचने के बाद कभी भी राम मंदिर या आसपास धमाका कर सकता था। हैंडलर ने उसे फरीदाबाद आने और वापस जाने का पूरा रूट मैप दिया था। अब्दुल रहमान को फरीदाबाद के पाली गांव में लाया गया। साथ ही, मौके पर क्राइम सीन ‘रिक्रिएट’ किया गया। वह किस रूट से मौके पर पहुंचा, वहां कोई मिला कि नहीं, सारी जानकारी जुटाई गई।

आरोपी ने बताया कि उसका 4 मार्च को अयोध्या पहुंचना निर्धारित था। ऐसे में अयोध्या तक जाने के लिए उसने दो प्लान तैयार किए थे। पहले प्लान में वह 3 मार्च को सुबह फरीदाबाद रेलवे स्टेशन से ईएमयू ट्रेन पकड़कर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचता। इसके बाद वहां से ट्रेन पकड़कर सीधे अयोध्या जाता। ऐसे में वह सुरक्षा जांच से बच जाता। पहला प्लान विफल होने पर वह बस से अयोध्या पहुंचता।

एसटीएफ पलवल की टीम ने आरोपी के पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जो जांच के लिए गृह मंत्रालय भेजे गए हैं। साइबर विशेषज्ञ दोनों फोन की जांच कर रहे हैं। कॉल डिटेल उसमें मौजूद वीडियो की जानकारी जुटाई जा रही है। मोबाइल में सेव कॉन्टेक्ट नंबर से भी अन्य की तलाश की जा रही है।

संदिग्ध आतंकी के तार हरियाणा के अलावा यूपी, झारखंड, दिल्ली में सक्रिय आतंकी संगठन के स्लीपर सेल से जुड़े होने की आशंका है। करीब चार माह पहले वह जब वह दिल्ली के मरकज में आया तो वह विशाखापट्टनम भी गया था। ऐसे में उसके संपर्क विशाखापट्टनम में भी होंगे। जांच एजेंसी उसके हर संपर्क तक पहुंचने की कोशिश में है।

अब्दुल रहमान अल-कायदा इन इंडियन सब-कॉन्टिनेंट से भी जुड़ा था और उसे सीमा पार से अबू सूफियान नाम के कमांडर से निर्देश मिल रहा था। यह खुलासा आरोपी ने सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ के दौरान किया है। मामले की जांच से जुड़ी गुजरात एटीएस के सूत्रों के मुताबिक रहमान एक प्रतिबंधित ऐप के जरिये सूफियान से लगातार बातचीत कर रहा था। उससे आतंकी गतिविधियों के जुड़े निर्देश हासिल कर रहा था।

पूरे नेटवर्क को खंगालने के लिए रहमान के पास से मिले दो मोबाइल फोन के कॉल डिटेल के आधार पर उससे जुड़े कुछ लोगों की गतिविधियों पर नजर रखी जा जारी है। पता लगा रहे कि उसके नेटवर्क में और कौन-कौन थे।

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