मेट्रो में चोरी-छुपे महिला का वीडियो बना रहा था शख्स, आगे जो हुआ उसे देख लोगों ने कह- एकदम सही हुआ

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ यह वीडियो एक महत्वपूर्ण संदेश की ओर इशारा करता है, चाहे भारत हो या विदेश महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर असुरक्षा का सामना करना पड़ता है. वीडियो में दिखाया गया है कि मेट्रो में कैसे एक महिला ने खुद को फिल्माए जाने पर प्रतिक्रिया दी और अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाया.

महिलाओं की सुरक्षा और स्वतंत्रता का सवाल आज भी समाज के सामने एक बड़ी चुनौती है. इस बीच, चलती मेट्रो से वायरल हुई ये वीडियो क्लिप हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे हम सभी अपने-अपने स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं और इस तरह की घटनाओं के खिलाफ खड़े हो सकते हैं. वीडियो में दिखाया गया है कि मेट्रो में एक शख्स कैसे महिला यात्री को चुपके से रिकॉर्ड करने की कोशिश कर रहा था. हालांकि, अगले ही पल उसे सबक भी मिल गया.

वायरल हुआ यह वीडियो एक महत्वपूर्ण संदेश की ओर इशारा करता है, चाहे भारत हो या विदेश…महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर असुरक्षा का सामना करना पड़ता है. वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे एक महिला ने खुद को फिल्माए जाने पर प्रतिक्रिया दी और अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाया.

इस वीडियो को Ketlin Groisman नाम की महिला ने इंस्टाग्राम पर शेयर किया है, जो खुद इस वायरल क्लिप में नजर आ रही हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि केटलिन मेट्रो में खड़ी हैं और अपने नाखूनों को देख रही होतीं हैं. लेकिन सामने सीट पर बैठा शख्स मोबाइल निकालकर चुपके से उन्हें रिकॉर्ड करने लगता है. हालांकि, मोबाइल में फ्लैश लाइट जलने से उसकी करतूत का पता चल गया और फिर केटलिन ने गुस्से से तमतमाते हुए उसे एक जोरदार तमाचा जड़ दिया. इससे पहले दोनों के बीच तीखी बहस भी होती है.

https://www.instagram.com/reel/C-sph8agA5m/?igsh=YzV1OGt0MnFjNzdo

चूंकि, केटलिन एक कंटेंट क्रिएटर हैं और वह अक्सर सोशल मैसेज देने वाले वीडियोज इंस्टाग्राम पर शेयर करती रहती हैं, ऐसे में यह वीडियो भी उसका हिस्सा हो सकता है. इसलिए टीवी9 इसकी पुष्टि नहीं करता. लेकिन वीडियो से लोगों को एक मैसेज जरूर मिला है कि महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर अक्सर असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है, फिर चाहे वे कहीं भी हों. केटलिन की पोस्ट पर ढेरों यूजर्स ने कमेंट किए हैं.

एक यूजर ने लिखा है, कुछ लोग हरकतबाज होते हैं और वे बिना मार खाए नहीं सुधरते. वहीं, दूसरे का कहना है, महिलाओं को भी अपने अधिकारों और सुरक्षा के लिए जागरूक और सशक्त होना जरूरी है. एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, असली मुद्दा कपड़े नहीं, बल्कि लोगों की मानसिकता है.

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