एक नहीं शख्स ने की थी दो शादियां, ऐसे खुला राज, पति की मौत के बाद दोनों पत्नियों ने ठोक दिया नौकरी का दावा

यूपी के फतेहपुर में लोक निर्माण विभाग में उस समय खलबली मच गई, जब यहां दो महिलाएं एक ही शख्स का डेथ सर्टिफिकेट लेकर पहुंची और उसे अपना पति बताकर नौकरी की मांग करने लगीं. डेथ सर्टिफिकेट के हिसाब से मृतक शख्स दोनों ही महिलाओं का पति था. लेकिन दोनों ही महिलाओं को इसकी भनक तक नहीं थी. फिलहाल इस केस की जांच की जा रही है

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां एक शख्स ने दो शादियां की थीं. लेकिन किसी को भी कानों-कान भनक तक नहीं हुई. न ही शख्स की दोनों बीवियों को इस बारे में कुछ पता चला. इसका खुलासा तब हुआ जब शख्स की मौत हो गई. उसकी सरकारी नौकरी पाने के लिए दोनों बीवियां सामने आईं. दोनों ही महिलाएं उस शख्स के दो अलग-अलग डेथ सर्टिफिकेट लेकर अब पति की नौकरी मांग रही हैं.

दिमाग घुमा देने वाला ये मामला फतेहपुर का है. लोक निर्माण विभाग फतेहपुर के अधिशाषी अभियंता ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी है. फतेहपुर के अधिशासी अभियंता की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि विभाग के बेलदार रहे अतर सिंह के निधन के बाद दो महिलाओं नैना देवी और शांति देवी ने आश्रित कोटे से नौकरी के लिए आवेदन किया है. नैना देवी के पास अतर सिंह का जो मृत्यु प्रमाणपत्र है वह फतेहपुर के एराना विकास खंड के गौती का जारी है. जबकि शांति देवी के पास जो मृत्यु प्रमाणपत्र है, वह ऊंचाहार के कदरावां गांव से जारी हुआ है

उन्होंने कंदरावां से जारी मृत्यु प्रमाणपत्र का सत्यापन कराकर रिपोर्ट मांगी है. पत्र आने के बाद एडीओ पंचायत ऊंचाहार को पत्र भेज कर रिपोर्ट मांगी गई है. इस बाबत मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है. अगर ऐसा है तो मामले की जांच कराई जाएगी.

इसी तरह एक अजीबोगरीब वाकया बुलंदशहर से भी सामने आया है. यहां एक जिंदा शख्स को मृत घोषिच तक उसका डेथ सर्टिफिकेट बना दिया गया. हालांकि, उसे बाद में निरस्त कर दिया गया. जानकारी के अनुसार औरंगाबाद चांदोक (रजापुर) के रहने वाले सुक्कन सिंह ने साल 2017 में एक व्यक्ति के नाम करीब दस बीघा भूमि की वसीयत कर दी थी.

सुक्कन सिंह ने बताया- आरोपी ने उन्हें बहला फुसलाकर जमीन की वसीयत अपने नाम करा ली. साल 2018 में आरोपी ने फर्जी तरीके से सुक्कन सिंह की मरने की अफवाह उड़ाकर कर मृत घोषित कर दिया. ग्राम पंचायत सचिव ने ग्राम प्रधान की संस्तुति के बाद मृत्यु सर्टिफिकेट जारी कर दिया. लेकिन कुछ दिन बाद सचिव को शक होने पर उस मृत्यु सर्टिफिकेट को निरस्त कर दिया गया.

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