नफरत की आग! 15 साल से इंतजार में था भाई, 10 लाख रुपए में दे दी सुपारी, ऐसे खुला महिला की हत्या का पूरा राज
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में 22 सितंबर को महिला की चलती कार में हत्या का खुलासा पुलिस ने कर दिया है. पुलिस ने महिला के सेज भाई और एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया है. साले संग भागकर शादी करने पर भाई बहन से नाराज था.
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में चलती कार में महिला की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. हत्या करवाने वाला महिला का सगा भाई निकला. उसने बहन-बहनोई और उनके पूरे परिवार को मारने की साजिश रची थी. इसके लिए उसने 10 लाख रुपए की सुपारी दी थी. साले के साथ भागकर बहन ने शादी रचाई थी, इसकी वजह से भाई नफरत की आग में जल रहा था.
दरअसल, बहन ने 2009 में अपने भाई के साले से शादी कर ली थी. इस बात से आरोपी अपमानित महसूस कर रहा था. 15 साल से वह बहन को मारने का प्लान बना रहा था. अब इस मामले में पुलिस ने गोहांड से मुख्य आरोपी और एक अन्य को गिरफ्तार किया है. पूरी घटना 22 सितंबर की है. कानपुर देहात की रहने वाली मीनू उर्फ अमन यादव को पड़ोसी किराएदार चित्रकूट दर्शन कराने के बहाने कार से लेकर जा रहा था. अमन के साथ उसका पति सूरज और 2 बच्चे भी थे. हमीरपुर के राठ में पड़ोसी ने गला दबाकर हमला कर दिया. पति ने तो गाड़ी से कूद कर जान बचा ली. लेकिन, आरोपियों ने मीनू उर्फ अमन को जान से मार दिया. वहीं, उसके एक बच्चे की गला दबाकर रास्ते में फेंक कर फरार हो गए और दूसरी बच्ची को औरैया ले गए. पुलिस ने घटना के मुख्य आरोपी और सगे भाई धर्मेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया. अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. सूरज सिंह आरोपी धर्मेंद्र का साला है, मीनू ने दूसरी शादी उससे की थी.
एसपी दीक्षा शर्मा ने बताया कि मीनू का मायका कानपुर देहात में था. उसकी ससुराल जालौन में थी. मीनू की शादी 2002 में लल्लू नाम के व्यक्ति से हुई थी. जबकि मीनू के भाई धर्मेंद्र की शादी 2007 में हुई. शादी के बाद धर्मेंद्र के साले सूरज का घर में आना जाना बढ़ गया था. इस बीच सूरज और मीनू के बीच नजदीकियां भी बढ़ गईं. दोनों में प्रेम प्रसंग हुआ और दोनों घर छोड़कर फरार हो गए. काफी समय ये लोग गुजरात में रहे. दो बच्चे हुए-शिव (10) और बेटी परी (2.5). फिर ये लोग कानपुर वापस आ गए. वहां एक किराए के मकान में रहने लगे. मीनू कभी-कभी कानपुर देहात में अपने मायके भी जाया करती थी. मीनू का मायके आना उसके भाई को अच्छा नहीं लगता था.
पुलिस के मुताबिक भाई धर्मेंद्र ने साजिश के तहत अपने एक जानने वाले चतुर सिंह को बहन के घर के पड़ोस में रहने के लिए भेज दिया. चतुर सिंह ने धीरे-धीरे मीनू के परिवार से करीबी बना ली. उसने सभी का विश्वास जीत लिया. चतुर सिंह ने सूरज से पूरे परिवार के साथ चित्रकूट दर्शन करने के लिए बोला, जिस पर पूरा परिवार राजी हो गया. चतुर सिंह ने प्लान के हिसाब से अपने अन्य साथियों को पूरी जानकारी दी. चतुर सिंह सूरज के परिवार के साथ 21 सिंतबर को कार से चित्रकूट जाने के लिए निकल गया. वो वीर सिंह नाम के युवक को अपना साढू बताकर कार में बैठा लिया. उसके बाद जगमोहन नाम के युवक को फूफा बताकर जालौन के जोहलुपुर से कार में बैठा लिया. ये सभी लोग हमीरपुर के राठ थाना क्षेत्र पहुंचे ही थे, तभी पीछे बैठे दोनों युवकों ने मीनू और उसके पति के गले में कपड़ा डालकर कसने की कोशिश की.
पति सूरज तो किसी तरह कार से कूद गया, लेकिन मीनू की मौत हो गई. इसके बाद कार से नीचे फेंक दिया और सिर कुचल दिया, जिससे पहचान न हो सके. एक बच्चे का भी इन लोगों ने गला दबा दिया और मरा समझकर कार से फेंक दिया और दूसरी बच्ची को औरैया तक ले गए . लेकिन, दोनों बच्चे जिंदा थे, जिन्हें आसपास के लोगों ने देखा. वहीं, सूरज सिंह ने पास के थाने पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी दी. एसपी दीक्षा शर्मा ने बताया, धर्मेन्द्र सिंह और जगमोहन को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार किया. ड्राइवर संजीव को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. चतुर सिंह और वीर सिंह अभी फरार हैं. पुलिस सभी आरोपियों से पूछताछ कर रही है. सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. फरार आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है.