आए दिन घर आ जाती थी पुलिस, जिसे देखते ही एकदम खुश हो जाती थी मां, फिर एक दिन सामने आया ऐसा राज की फट गया कलेजा

एक महिला ने पुलिस को बताया कि वह 2020 में पुलिस में शामिल हुई और दो साल के भीतर उसे पदोन्नति मिल गई. ये महिला कई सालों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं. 2019 में, वह एमपीपीएससी परीक्षा में शामिल हुई.

जब किसी के घर पर पुलिस पहुंचती है तो उस परिवार के हर मेंबर के चेहरे पर शिकन दिखने लगती है. मगर इस मामले में एक पुलिसकर्मी एक घर में रोजाना दाखिल होती थी तो वहां पर रहने वाली बूढ़ी मां के चेहरे पर एक मुस्कान छा जाती थी. इस महिला को सभी जानने वाले एक पुलिस अधिकारी के तौर पर जानते थे. ये महिला एएसपी रैंक की वर्दी पहन कर पूरे भोपाल में घूमती रहती थी. जब वह महिला किसी भी जगह से गुजरती तो पुलिस के जवान उसे सलामी देते थे. इस तरह से इस महिला पुलिस अधिकारी की जिंदगी हंसी खुशी बीत रही थी.

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक मगर भोपाल के टीटी नगर की एक पुलिस कांस्टेबल को इस महिला पुलिस अधिकारी पर शक हो गया. इसके बाद पुलिस ने शुक्रवार को इस महिला को हिरासत में लिया, जो न्यू मार्केट इलाके में घूम रही थी. वह अशोक चिह्न से सजी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) रैंक की पुलिस अधिकारी की वर्दी पहने हुए थी. उसके संदिग्ध व्यवहार और वर्दी में विसंगतियों ने चिंता पैदा की, जिसके कारण उसे हिरासत में लिया गया. महिला ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उसने पुलिस फोर्स में नौकरी पाने का दिखावा करके अपनी बीमार मां को खुश रखने के लिए वर्दी पहनी थी. टीटी नगर पुलिस ने उसके खिलाफ बीएनएस की धारा 205 (धोखाधड़ी के इरादे से सरकारी कर्मचारी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली पोशाक पहनना या टोकन ले जाना) के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी.

टीटी नगर थाने के एसएचओ सुनील भदौरिया ने कहा कि शुक्रवार शाम को न्यू मार्केट के पास तैनात एक महिला कांस्टेबल ने एएसपी की वर्दी में एक महिला को देखा. इस महिला की पहचान बाद में 28 साल की शिवानी चौहान के रूप में हुई. बाजार में घुसते समय कांस्टेबल ने उसे सलाम किया, लेकिन उसकी नेमप्लेट देखकर उसे शक हुआ. मानक अधिकारी नेमप्लेट के विपरीत, शिवानी के नाम के नीचे चार अंक शामिल थे, जो कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल के लिए विशिष्ट विशेषता है. गड़बड़ी का संदेह होने पर कांस्टेबल ने टीटी नगर थाने के कर्मचारियों को सूचित किया. अधिकारियों के साथ थाने जाने के लिए कहने पर शिवानी बिना किसी प्रतिरोध के सहमत हो गई. पूछताछ के दौरान पता चला कि वह एएसपी नहीं बल्कि एक धोखेबाज थी.

महिला ने पुलिस को बताया कि वह 2020 में पुलिस में शामिल हुई और दो साल के भीतर उसे पदोन्नति मिल गई, जिससे अधिकारियों के बीच संदेह और बढ़ गया. एसएचओ भदौरिया ने कहा कि शिवानी चौहान इंदौर की रहने वाली हैं और कई सालों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं. 2019 में, वह एमपीपीएससी परीक्षा में शामिल हुई, लेकिन पास नहीं हो पाई. उस समय, उसकी मां गंभीर रूप से बीमार थी और अस्पताल में भर्ती थी. अपनी मां का मनोबल बढ़ाने के लिए, शिवानी ने झूठा दावा किया कि उसे डीएसपी की नौकरी मिल गई है. भ्रम को बनाए रखने के लिए, उसने बाद में इंदौर में एक पुलिस कैंटीन से एएसपी की वर्दी खरीदी और कभी-कभी इसे पहनना शुरू कर दिया.

एसएचओ भदौरिया ने कहा कि शुक्रवार को शिवानी अपने चचेरे भाई के साथ इंदौर से भोपाल गई थी. उसने अपने परिवार को बताया कि वह पुलिस मुख्यालय (PHQ) जा रही है. भोपाल पहुंचने के बाद, उसने अपने चचेरे भाई को लालघाटी के एक होटल में छोड़ा और न्यू मार्केट चली गई. यहीं पर टीटी नगर पुलिस ने उसे देखा और पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शिवानी पहले एक पुलिस स्टेशन गई थी और बिना किसी संदेह के पुलिसकर्मियों के साथ तस्वीरें खींची थीं. हालांकि, अब तक उसके कार्यों से कोई अवैध गतिविधि जुड़ी नहीं है. पुलिस मामले की जांच जारी रखे हुए है.

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