मैं आईएएस ऑफिसर हूं, मेरे लिए तुरंत गाड़ी भेजो, एकदम राजा महाराजाओं वाली लाइफ जीता था शख्स, पुलिस ने जब पकड़ा तो खुल गया सारा राज

गुजरात में एक शख्स ने खुद को आईएएस अधिकारी बताया और एक बिजनेस मैन से सायरन और पर्दे वाली गाड़ी किराए पर देने को कहा मगर उसका किराया नहीं दिया. इसके बाद उस बिजनेस मैन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

जब कोई शख्स खुद को एक आईएएस अधिकारी बताकर किसी से पर्दे और सायरन वाली गाड़ी भेजने को कहेगा, तो जाहिर है कि सामने वाला पहली बार ऐसा करने में खुशी महसूस करे. मगर बार-बार किसी से ऐसी गाड़ी की फरमाइश करके किराया नहीं चुकाने पर किसी के भी सब्र का बांध टूट सकता है. ऐसा ही एक मामला गुजरात के अहमदाबाद से सामने आया है. जहां पर एक शख्स ने पुलिस में इस बात की शिकायत दर्ज कराई कि एक शख्स ने खुद को आईएएस बताकर उससे किराए की गाड़ियां लीं और किराया नहीं चुकाया. इसके बाद अहमदाबाद पुलिस ने कथित तौर पर खुद को आईएएस अधिकारी बताकर लोगों को ठगने के लिए 29 साल के एक शख्स को गिरफ्तार किया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

निरीक्षक (अपराध शाखा) जे.के. मकवाना ने बताया कि गुजरात के मोरबी जिले के वंकानेर में दो स्कूलों का प्रबंधन करने वाले इंजीनियर मेहुल शाह पर फर्जी दस्तावेजों और झूठे दावों के जरिए लाखों रुपये कमाने का आरोप है. मकवाना ने बताया कि खुद को एक IAS अधिकारी बताकर आरोपी ने कार किराए पर देने का बिजनेस करने वाले प्रतीक शाह से संपर्क किया और उसे सायरन और पर्दे लगे वाहन उपलब्ध कराने को कहा, लेकिन किराया नहीं दिया.

मकवाना ने बताया कि ‘आरोपी ने खुद को राजस्व विभाग में निदेशक और आईएएस अधिकारी बताया. उसने केंद्रीय गृह मंत्रालय और “विज्ञान एवं अनुसंधान विकास विभाग’ के फर्जी पत्र जारी किए और कार में सायरन व पर्दे लगवाने की अनुमति भी हासिल की.’ अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने शिकायतकर्ता के बेटे को सरकारी कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी दिलाने के लिए अहमदाबाद जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) का फर्जी नियुक्ति पत्र भी तैयार किया था.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि शाह ने खुद को एक स्कूल का ट्रस्टी भी बताया और एक अन्य शिकायतकर्ता को स्कूल की इमारत की पुताई के लिए बकाया सात लाख रुपये का भुगतान नहीं किया. पुलिस अधिकारी ने बताया कि ‘राज्य या केंद्र सरकार में कोई आधिकारिक पद नहीं होने के बावजूद, उसने लोगों से लाखों रुपये ऐंठने के लिए फर्जी वर्क परमिट और एनओसी जारी कीं.’पुलिस ने उसके पास से ‘भारत गौरव रत्न श्री सम्मान परिषद’, ‘विज्ञान एवं अनुसंधान विकास विभाग अध्यक्ष’, ‘स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग’ और ‘सड़क एवं भवन विभाग’ के फर्जी पहचान पत्र और पत्र बरामद किए हैं. मकवाना ने कहा कि ‘प्राथमिकी तीन पीड़ितों की शिकायतों पर आधारित है. हम लोगों से अपील करते हैं कि अगर शाह ने उन्हें किसी भी तरह से ठगा है तो वे आगे आएं और अपनी शिकायत दर्ज कराएं.’

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