नौकरी के लिए 4000 किलोमीटर दूर बुलाता था युवक, फिर लड़कों से करवाता था ऐसा काम, सच्चाई जान पुलिस के भी उड़ गए होश

दिल्ली पुलिस को एक शख्स को गिरफ्तार करने के लिए 2,500 किलोमीटर का चेज करना पड़ा. पुलिस ने जिस शख्स को गिरफ्तार किया, उसके कारनामें हैरान करने वाले हैं. वह देश के युवकों को जॉब कराने के नाम पर विदेश ले जाता था, वहीं, उनको गलत काम करने को मजबूर कर देता था. मामला इतना गंभीर हो गया कि केस एनआईए को सौंपना पड़ा. एजेंसी ने उस युवक पर 2 लाख का इनाम रखा था.

दिल्ली पुलिस को एक मानव तस्कर (Human Traffickers) की तलाश थी, जो नौकरी की तलाश कर रहे देश के कई युवकों विदेश में नौकरी दिलाने का वादा कर अपने जाल में फंसाता था. फिर वह लड़कों को फर्जी कॉल सेंटरों के जरिए भारत साइबर क्राइम करने के लिए मजबूर करता था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उस क्रिमिनल पर 2 लाख का इनाम रखा था. उसकी पहचान कामरान हैदर उर्फ जैदी के रूप में हुई है. दिल्ली पुलिस ने 2,500 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद रविवार को उसे हैदराबाद से गिरफ्तार किया.

जैदी और उसके साथी दक्षिण-पूर्व एशिया के गोल्डन ट्राइंगल क्षेत्र में रोजगार की तलाश कर भारतीय युवकों की तस्करी करते थे. गोल्डन ट्राइंगल जहां थाईलैंड, लाओस और म्यांमार की सीमाएं मिलती हैं, का है क्षेत्र है. ये तस्कर युवकों को वहां ले जाकर चीनी कंपनियों में काम करने के लिए मजबूर करते थे. जैसे ही युवक थाइलैंड पहुंचते थे, उनके पासपोर्ट छीन लिए जाते थे और उन्हें साइबर क्राइम के लिए मजबूर किया जाता था.

दिल्ली पुलिस के अनुसार जैदी लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था. पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में टीमें तैनात की थीं. मैनुअल इनपुट और ट्रेसिंग के बाद, जैदी का लोकेशन मिला. उसका लोकेशन हैदराबाद में मिला. डिप्टी कमिशनर (स्पेशल सेल) मनोज सी ने बताया, ‘टीम ने बिना रुके 2,500 किलोमीटर तक लगातार पीछा करने के बाद उसे हैदराबाद के नामपल्ली रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया, जब वह किसी दूसरे ठिकाने से भागने की कोशिश कर रहा था.’

इस स्कैम के बारे में 27 मई को नरेश लखवत नामक व्यक्ति की शिकायत पर दिल्ली पुलिस को जानकारी हुई. न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एफआईआर दर्ज हुई थी. उसने पुलिस को बताया था कि वह नौकरी की तलाश में था, तभी उसकी नजर अली इंटरनेशनल सर्विस नामक कंसल्टेंसी फर्म पर पड़ी. फर्म ने उसे थाईलैंड और लाओस से नौकरी के प्रस्ताव मिला. कंपनी ने आखिरकार उन्हें थाईलैंड भेज दिया, जहां उसका पासपोर्ट छीन लिया गया. वहां जाने के बाद उसे एक चीनी फर्म में काम करने के लिए मजबूर किया गया.

लखवत ने पुलिस को बताया कि चीनी कंपनी भारतीयों की ऑनलाइन स्कैनिंग करती थी. बाद में मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दिया गया. एनआईए की जांच में पूरे मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ और पता चला कि युवकों को गोल्डन ट्राइंगल भेजा गया था, जहां उन्हें भारतीय, यूरोपीय और अमेरिकी नागरिकों को ऑनलाइन ठगने के लिए मजबूर किया गया था. जांच में पता चला कि मंजूर आलम उर्फ गुड्डू, साहिल, आशीष उर्फ अखिल, पवन यादव उर्फ अफजल और उनका सरगना जैदी मानव तस्करी में शामिल थे.

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