9th pass फर्जी डॉक्टर का सामने आया कारनामा,बिना पढाई और लाइसेंस के कर रहा था 20 सालों से सर्जरी,वसुलता था मोटी फीस!
डॉक्टर और मरीज़ का रिश्ता ऐसा होता है कि दोनों को एक-दूसरे पर भरोसा करना होता है. सोचिए, अगर वो डॉक्टर ही फर्ज़ी निकल जाए, जिसके भरोसे पर मरीज़ खुद को उसके हाथों में सौंप देता है!
डॉक्टरों का दर्ज़ा किसी भी समाज में ईश्वर के बाद दूसरा माना जाता है. उसकी एक ही वजह है कि अगर ईश्वर ज़िंदगी देते हैं और डॉक्टरों के हाथ में ज़िंदगी बचाने का हुनर होता है. किसी भी तरह की शारीरिक समस्या हो, डॉक्टर के पास पहुंचते ही हम मान लेते हैं कि इसमें आराम मिल जाएगा. हालांकि कई बार इंसान फर्ज़ी डॉक्टरों के भी चक्कर में पड़ जाता है.
जब भी हम किसी क्लीनिक में जाते हैं, जो ज्यादातर लोग इस बात पर ध्यान ही नहीं देते कि डॉक्टर की पढ़ाई क्या है या फिर उसने इससे पहले कहां-कहां काम किया है, वगैरह-वगैरह. इसी का फायदा उठाकर कुछ लोग फर्ज़ी डॉक्टर बनकर भी अपना धंधा चलाते रहते हैं और मासूम मरीज़ों को लूटते रहते हैं. आज एक ऐसे ही फर्ज़ी सर्जन के बारे में आपको बताएंगे.
ऑडिटी सेंट्रल की रिपोर्ट के मुताबिक थाईलैंड का एक अजीबोगरीब केस सामने आया है. यहां 36 साल का एक आदमी डॉक्टर बनकर लोगों को इतना बेवकूफ बना रहा था कि उसने बहुत से लोगों की ज़िंदगी तक बर्बाद कर दी. सिर्फ कक्षा 9 की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने खुद ही सर्जरी करना सीख लिया था. पिछले 20 साल से वो पुरुषों की प्राइवेट समस्याओं से जुड़ी हुई सर्जरी करता था. हर महीने वो दो से तीन ऑपरेशन कर देता है और इसके लिए 12 हज़ार से लेकर 50 हज़ार तक की फीस भी चार्ज करता था.
सेंट्रल थाईलैंड में अपना धंधा चला रहे इस फर्ज़ी डॉक्टर का भांडा तब फूटा, जब उसके एक मरीज़ को ऑपरेशन के बाद भयानक इंफेक्शन हो गया. उसने पुलिस को इस बारे में बताया, तब एक स्टिंग ऑपरेशन की मदद से पुलिस ने फर्ज़ी सर्जन को धर दबोचा. पकड़े जाने के बाद उनसने बताया कि न तो उसने मेडिकल की कोई पढ़ाई की और न ही उसके पास कोई लाइसेंस है. किट्टीकोर्न सॉन्गस्री पर अवैध क्लीनिक चलाने और बिना लाइसेंस प्रैक्टिस करने का चार्ज लगा है. इसके अलावा पीड़ित मरीज़ ने भी उस पर लीगल एक्शन लिया है.