विधवा के मकान में किराए पर रहते थे तीन लड़के, हर समय जेब में रखते थी नोटों की गड्डियां, लेकिन इस अमीरी की पीछे की वजह…….
मुरादाबाद के मझोला क्षेत्र के जयंतीपुर में तीनों लड़के एक विधवा के मकान में रहते थे. तीनो सिर्फ कैश में ही पेमेंट करते थे और लग्जरी लाइफ जी रहे थे. पुलिस ने जब छापा मारा तो रईसी की शॉकिंग वजह सामने आई.
मुरादाबाद में नकली नोट छापने वाले गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश किया. पुलिस ने मुख्य आरोपी आदिल को रंगेहाथ पुलिस ने अरेस्ट किया. फिर उसने पूछताछ में अपने दो साथियों मोहम्मद नाजिम और शबाब अख्तर उर्फ राहुल का नाम बताया. सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. मामला मुरादाबाद जिले के थाना मझोला अंतर्गत जयंतीपुर क्षेत्र का है. तीनों आरोपी किराए के मकान में नकली नोट छापते थे. शुरुआती पूछताछ में सामने आया कि फर्जी वेब सीरीज देख तीनों ने जाली करेंसी छापनी शुरू की थी. लगभग 5 लाख के नकली नोट छाप चुके हैं. हैरानी की बात यह है कि 3 लाख के नकली नोट बाजार में सप्लाय भी कर चुके है.
सिटी रणविजय सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी आदिल मीडिया फोटोग्राफर बनकर घूमता था. मझोला पुलिस को जाली करेंसी छापे जाने की सूचना मिली थी. मझोला इंस्पेक्टर मोहित चौधरी की टीम ने जयंतीपुर में एक विधवा महिला के मकान पर छापा मारा तो मौके से पुलिस को 2.74 लाख रुपये के नकली नोट बरामद हुए. मौके से जाली करेंसी छापते हुए आदिल निवासी जयंतीपुर को गिरफ्तार किया. उसके दो साथी मोहम्मद नाजिम और शबाब अख्तर उर्फ राहुल निवासी नई आबादी जयंतीपुर को भी पुलिस ने दबोच लिया.
आदिल के मन में शाहिद कपूर की मूवी ‘फर्जी’ देखकर जाली करेंसी छापने का आइडिया आया था. उसने प्रिंटर की मदद से काम शुरू किया और हूबहू नोट छापने लगा. पुलिस पूछताछ में आदिल ने बताया कि वह करीब 3 लाख रुपये के नकली नोट बाजार में सप्लाई कर चुका है. नोट वह खुद छापता था और उसके साथी नाजिम और शबाब अख्तर नकली नोटों को बाजारों में खपाने का काम करते थे.
SP सिटी ने बताया बेहद शातिर दिमाग आदिल ने मीडिया जॉइन कर ली ताकि वह अपने काले धंधे पर पर्दा डाल सके. दो सालों में वह प्रेस फोटोग्राफर की तरह काम करने लगा था. उसने कुछ अखबारों के लिए भी काम करना शुरू कर दिया था. आदिल ने अपने घर से करीब 500 मीटर की दूरी पर एक विधवा के घर पर इस काले धंधे को अंजाम दे रहा था. पुलिस को उसके ठिकाने से जाली करेंसी के अलावा 13 प्रिंटेड शीट, 3500 रुपए असली, 3 मोबाइल फोन, एक प्रिंटर, स्कैनर मशीन, चार कागज कटर, 3 ग्रीन टेप चमकीले बरामद हुए.
पुलिस ने आदिल को पकड़ने के लिए जाल. बिछाया और ग्राहक बनकर उसके पास पहुंची. शातिर दिमाग आदिल ने अपने स्तर पर छानबीन की. फिर जब उसे भरोसा हो गया तो एक लाख की जाली करेंसी छापकर देने को तैयार हो गया. पुलिस ने रविवार को आदिल के ठिकाने पर छापा मारा और रंगेहाथ दबोच लिया. आदिल ने पूछताछ में बताया कि वो 10वीं पास है.