देर से दोस्तों को दिया खाना तो गुस्से में आगबबूला हुआ दूल्हा, बारात को लेकर लौट गया वापस, और फुफेरी बहन से……

पीड़िता ने आरोप लगाया है कि आरोपी दूल्हा पहले से ही किसी लड़की से बात करता था और उसके यहां से लौटने के बाद उसने उसी लड़की के साथ निकाह पढ़ लिया।

उत्तर प्रदेश के चंदौली में दूल्हे के दोस्तों को खाना देरी से मिला तो उसने शादी ही तोड़ दी और घर लौटकर अपनी फुफेरी बहन के साथ निकाह पढ़ लिया। जब लड़की वालों को इस निकाह के बारे में पता चला तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, दहेज के पैसे वापस मिलने के बाद दोनों पक्षों में सुलह हो गई। पुलिस ने कहा कि दोनों पक्षों की तरफ से लिखित समझौता किया गया है और कहा गया है कि वह कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। ऐसे में किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।

मामला चंदौली के हमीदपुर गांव का है। यहां दो परिवार के लोगों ने मिलकर रिश्ता तय किया था। 22 दिसंबर को शादी होनी थी। सब कुछ सही चल रहा था। बारात भी समय पर आ गई और सभी का स्वागत सत्कार हुआ। बारात आने से पहले लड़के के घर वालों को दहेज भी मिल गया था। हालांकि, लड़के के दोस्तों को खाना मिलने में थोड़ी देरी हो गई। इससे दूल्हा नाराज हो गया और शादी तोड़ दी।

शादी टूटने के बाद दूल्हा बारात लेकर वापस लौट गया और घर पहुंचकर अपने अब्बा की बहन की लड़की के साथ निकाह पढ़ लिया। घटना से आहत लड़की पक्ष के लोग अगले दिन एसपी ऑफिस पहुंचे और एसपी से न्याय की गुहार लगाई। एसपी के आदेश पर मुगलसराय कोतवाली में पुलिस के सामने दोनों पक्षों की पंचायत हुई और एक लाख साठ हजार लड़की पक्ष को लड़के पक्ष ने दिए। इसके बाद थाने में दोनों पक्षों के बीच सुलहनामा हो गया।

इस संबंध में प्रभारी सीओ राजेश राय ने बताया कि सोशल मीडिया में एक समाचार वायरल हो रहा है कि मुगलसराय कोतवाली के हमीदपुर में मुस्लिम परिवार की बारात वापस हो गई और पुलिस पक्ष ने पुलिस अधीक्षक को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में अवगत कराना है कि ग्राम हमीदपुर निवासी दोनों मुस्लिम परिवार की 22 दिसंबर 2024 को शादी तय हुई थी। शादी के दौरान कतिपय कारणों से लड़का पक्ष द्वारा शादी करने से इंकार कर दिया गया और बारात वापस चली गई।

बारात वापसी के संबंध में लड़की पक्ष द्वारा प्रार्थना पत्र देकर पुलिस अधीक्षक से कार्रवाई की मांग की गई थी। इस पर मुगलसराय कोतवाली पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों पक्षों के बीच संभ्रांत व्यक्तियों की उपस्थिति में सुलह समझौता कराया गया। दोनों पक्षों द्वारा विवाह में खर्च की गए धनराशि को वापस करते हुए लिखित समझौता किया गया है कि अब हम इसमें कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। इसलिए इस मामले में अब कोई विधिक कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है।

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