घर से अकेले ही निकली थी महिला, पीछे-पीछे था उसका देवर, जब भाभी को देखा तो देखते ही हो गया बेहोश

फतेहपुर के एक क्षेत्र से दिलदहला देने वाली घटना देखने को मिली है. जहां शौच के लिए महिला घर से निकली लेकिन वह जब लौटी नहीं तो उसका देवर तलाश करते हुए खेत में पहुंचा फिर जो हुआ. आइए जानते हैं पूरा मामला.

यूपी के फतेहपुर से एक मामला सामने आया है, जहां एक महिला घर से अकेले शौच करने का कहकर निकलती है. जब उसे घर आने में देरी हो जाती है, तो पीछे-पीछे देवर उसको ढूंढने के लिए जाता है. जब देवर घर से कुछ दूर एक खेत के पास पहुंचता है तो दूर से उसे उसकी भाभी दिखाई देती हैं पास जाकर जब वह देखता है तो शख्स बेहोश हो जाता है. जिसके बाद गांव के लोग आ जाते हैं और भाभी-भाभी चिल्लाते हुए देवर तेज-तेज रोने लगता है. आइए जानते हैं पूरा मामला.

दरअसल, शनिवार शाम एक महिला की निर्मम हत्या से इलाके में सनसनी फैल गई. पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस का दावा है कि उसके हाथ महत्वपूर्ण सुराग लगे हैं. मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, फतेहपुर कोतवाली क्षेत्र के लहसी गांव में शनिवार शाम करीब 4 बजे आलू के खेत में 35 वर्षीय मीना कुमारी का शव मिलने से हड़कंप मच गया.

देखते ही देखते सरसों के खेत के पास लोगों का जमावड़ा मच गया. शव पर कई चोट के निशान थे. जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि मीना देवी की हत्या किसी धारदार हथियार से की गई है. मृतका के देवर की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. मौके पर पहुंची पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके का मुआएना किया और जांच की. पुलिस का दावा है कि उसके हाथ कई महत्वपूर्ण सुराग लगे हैं. पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है.

मीना कुमारी पत्नी परशुराम शनिवार की दोपहर लगभग दो बजे अपने बच्चों से शौच के लिए जाने को कहकर घर से निकली थी. काफी देर तक वापस न आने पर बच्चे अपने चाचा राजू के साथ मीना कुमारी खोजने निकले, तो गांव से करीब चार सौ मीटर दूर मनोहर लाल के आलू के खेत में मीना का गला रेता हुआ रक्तरंजित शव पड़ा मिला, पास में ही प्लास्टिक का डिब्बा पड़ा था. दिनदहाड़े हुई घटना से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है. सीओ जगत कनौजिया ने बताया कि परिवार जन की ओर से किसी पर कोई आरोप नहीं नहीं लगाया गया है.

लहसी गांव के प्यारे लाल के दो पुत्र परशुराम और राजू थे जिनमें मृतका के पति परशुराम ने करीब तीन साल पहले फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. मृतका के दो पुत्र आशीष 17 वर्ष, नैतिक 10 वर्ष व एक पुत्री शिवानी 12 वर्ष है. जिसमें आशीष पंजाब में रहकर नौकरी करता है, शिवानी घर और खेती में मां का हाथ बटाती है. वहीं नैतिक गांव के स्कूल में कक्षा पांच का छात्र है. पारिवारिक बटवारे में मिली साढ़े तीन बीघे भूमि में मृतका खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण करती थी.

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