बाजार में अकेले घूम रही लड़की से कांस्टेबल ने पूछा उसका नाम तो बोली- मेरी मम्मी….. सुनते ही हरकत में आ गई पुलिस

जैसे ही पुलिस कर्मियों ने इस लड़की को अपने साथ चलने के लिए कहा. वह बोली – मेरी मम्‍मी… यह सुनते ही पुलिसकर्मियों के माथे पर बल पड़ गए. अब वह इस लड़की को समझाने में लग गए कि… आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ें आगे..

चांदनी चौक से सटे पुरानी दिल्‍ली के खारी बावली इलाके की पहचान देशभर में मेवा की थोक दुकानों से है. इलाके में दाखिल होते ही आपको दुकानों के बाहर रखे मेवों से भरे बोरे दिखना शुरू हो जाएगें. बीते दिनों मेवों के इन्‍हीं बोरों के बीच एक लड़की काफी देर से मंडरा रही थी. करीब 15 साल के आसपास की यह लड़की कभी किसी दुकान के बाहर रखे मेवा के बोरों की आड़ लेकर खड़ी हो जाती, तो कभी कुछ कदम आगे बढ़कर दूसरी दुकान को निहारने लगती.वहीं, इलाके में गिश्‍त पर निकले दिल्‍ली पुलिस के एक कॉन्‍स्‍टेबल काफी देर से इस लड़की की हरकतों को देख रहे थे. पहले उन्‍हें लगा कि यह लड़की अपनी किसी परिजन के साथ खरीददारी के लिए आई होगी. लेकिन काफी समय बीत जाने के बावजूद यह लड़की वहीं की वहीं बनी रही. अब तक पुलिस कॉन्‍स्‍टेबल यह समझ चुके थे कि सब कुछ उतना सामान्‍य नहीं है, जितना वह समझ रहे हैं. लिहाजा, उन्‍होंने अपनी हमराही महिला कॉन्‍स्‍टेबल को भी मौके पर बुला लिया.

अब दोनों पुलिस कॉन्‍स्‍टेबल इस लड़की की तरफ बढ़ चले. कुछ ही पलों में दोनों कॉन्‍स्‍टेबल इस लड़की के सामने खड़े थे. वहीं, पुलिस को देखकर यह लड़की थोड़ा सहम सी गई थी. इसी बीच, महिला कॉन्‍स्‍टेबल ने पूछा – तुम्‍हारा नाम? लड़की ने घबराते हुए जवाब दिया- म… नाम सुनते ही पुलिस कॉन्‍स्‍टेबल के दिमाग में सबकुछ साफ हो चुका था. इसके बाद, महिला पुलिस कॉन्‍स्‍टेबल ने लड़की को थोड़ा सामान्‍य करने की कोशिश की और फिर बोली- चलो हमारे साथ चलो.

दोनों पुलिस कर्मियों की यह बात सुनकर लड़की को समझ में आ गया कि आगे क्‍या होगा. लिहाजा, उसने बोला – मेरी मम्‍मी… यह सुनते ही दोनों पुलिस कॉन्‍स्‍टेबल के माथे पर बल आ गए. उन्‍होंने तत्‍काल इस लड़की के बारे में अपने सीनियर अफसरान को जानकारी दी. लड़की को समझाबुझा कर पुलिस स्‍टेशन लाया गया. यहां बातचीत में पता चला कि यह लड़की दक्षिण-पश्चिम दिल्‍ली के वसंतकुंज इलाके की रहने वाली है और 28 अक्‍टूबर 2024 से लापता है.

साथ ही, इस लड़की की अपहरण की एफआईआर वसंतकुंज थाने में दर्ज है. मनोवैज्ञानिक तरीके से बातचीत के दौरान, लड़की ने बताया कि उसके घर में उस पर कई तरह की पाबंदियां थी. बात-बात पर उसे अपने माता-पिता के प्रकोप का सामना करना पड़ता था. इस पाबंदियों से परेशान होकर उसने घर से भागने का फैसला कर लिया और किसी को बताए बिना घर से निकल गई. सभी कानूनी औपचारिकताओं के बाद अब इस लड़की को उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है.

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