रोते-रोये पुलिस स्टेशन पहुंची महिला, फिर STF बोली- मेरा नाम….. बैंक डिटेल देखकर उड़ गए अफसर के होश

मध्य प्रदेश के जबलपुर में बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल यहां एक महिला मोबाइल खरीदने के लिए दुकान पर गई. मोबाइल फाइनेंस करवाने के लिए जैसे ही उसने डिटेल निकलवाया, उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. महिला रोते-रोते एमीपी एसटीएफ ऑफिस पहुंची. आइये जानते हैं फिर क्या हुआ?

एमपी पुलिस की एसटीएफ ने जबलपुर में फर्जी दस्तावेजों से वाहन फाइनेंस कराने वाली गिरोह का पर्दाफाश किया है. एसटीएफ ने गिरोह के सरगना सहित 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनके कब्जे से 25 लाख रुपये की कीमत की 21 टू व्हीलर गाड़ियां बरामद की गईं. आरोपी भोले-भाले लोगों के आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसे दस्तावेजों की फोटोकॉपी किसी ना किसी बहाने से हथिया लेते थे. फिर उनके नाम पर फर्जीवाड़े से वाहन फाइनेंस करवा लेते थे. फर्जी दस्तावेजों पर फाइनेंस हुए वाहन ग्रामीण क्षेत्रों में बेच दिया करते थे.

गिरोह का शिकार हुई गीता कुशवाहा नाम की एक महिला ने जब मोबाइल फाइनेंस करवाने के लिए आवेदन दिया तो पता चला कि उसके नाम पर हाल ही में टू व्हीलर गाड़ी फाइनेंस हुई है. ऐसे में महिला की शिकायत पर जबलपुर एसटीएफ मामले की जांच करते हुए आरोपियों तक पहुंच गई. एसटीएफ ने इस मामले में मुख्य आरोपी प्रशांत कुशवाहा और उसके दो साथियों इंद्रजीत कुशवाहा और प्रवीण सोनी को गिरफ्तार कर लिया है. इस पूरे फर्जीवाड़े में कई निजी बैंकों के फाइनेंस एजेंट की मिलीभगत की भी आशंका है. एसटीएफ मामले की और जांच कर रही है.

एसटीएफ जबलपुर इंस्पेक्टर निकिता शुक्ला ने बताया, ‘एसटीएफ को एक सूचना मिली थी कि एक गिरोह चल रहा है जो सीधे-साधे लोगों से उनके जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासबुक लेता था. दस्तावेज लेकर झांसा देते थे कि आपका छोटा सा लोन करवा रहे हैं. फिर वो कागज लेकर जाते थे. फिर शोरूम में गाड़ियां फाइनेंस करवा लेते थे. फिर कागज वापस कर देते थे. ऐसे में उस व्यक्ति को पता ही नहीं चलता था कि उसके नाम पर कोई वाहन लोन पर लिया गया है.’

उन्होंने आगे बताया, ‘एक महिला आवेदक गीता कुशवाहा ने इस बात की शिकायत की थी. उसके पति का निधन हो गया था. गिरोह का एक सदस्य उसके पास पहुंचा था. उसने लोन दिलाने का वादा किया था. जब महिला मोबाइल फाइनेंस करवाने पहुंची तो उसे पता चला कि उसके नाम पर बाइक फाइनेंस है. मामले की शिकायत मिलने पर जांच की गई और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.’

निकिता शुक्ला ने बताया कि प्रवीण सोनी फर्जी दस्तावेजों के जरिए डाउन पेमेंट करता था ताकि वाहन खरीद सके. प्रशांत और इंद्रजीत को पैसे देता था. जैसे ही वाहन फाइनेंस होता था, प्रशांत और इंद्रजीत प्रवीण को वाहन सौंप देते थे. फिर वह इन वाहनों को सिवनी जिले के गांवों में कम दामों पर बेच देता था.

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