बिहार: IND vs PAK मैच पर लगाया था सट्टा, हार जाने पर युवक ने ली अपनी जान….

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत और पाकिस्तान के बीच रविवार को हुए क्रिकेट मैच में बिहार के मुजफ्फरपुर के एक युवक ने सट्टा लगाया। फिर सट्टे में नुकसान होने पर उसने आत्महत्या कर ली। मृतक की पहचान माड़ीपुर रामजी रोड निवासी 25 वर्षीय रंजन कुमार के रूप में हुई है। सोमवार को उसका शव घर में गमछे के फंदे से लटका मिला। दोपहर करीब 12 बजे मां नीलम देवी चौका-बर्तन कर लौटी तो बेटे को फंदे पर लटका देखा। उसने फसुल से फंदा काटकर बेटे को नीचे उतारा, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। सूचना पर पहुंची काजी मोहम्मदपुर थाने की पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए एसकेएमसीएच भेजा।

ममेरे भाई राकेश कुमार ने बताया कि रंजन दवा दुकान में सेल्समैन था। बीते 6 महीने से वह ऑनलाइन सट्टा खेलने लगा था। इसके लिए कई दोस्तों से कर्ज ले चुका था। घर से भी रुपये लेकर सट्टा में लगा देता था। रविवार की रात भारत-पाकिस्तान मैच में भी उसने सट्टा लगाया था। नुकसान होने पर आत्महत्या कर ली।

ममेरे भाई ने बताया कि रात में ही रंजन ने अपनी मां से एक हजार रुपये मांगे थे। मां चौका-बर्तन करती है। रुपये नहीं मिलने पर वह तनाव में आ गया था। सुबह में उसे गैस सिलेंडर लाने को एक हजार रुपये दिए गए। वह घर से गया और करीब 10 बजे वापस लौटा। बड़ा भाई चंदन प्राइवेट जॉब करता है। वह भी काम पर चला गया था। मां भी निकली हुई थी। 12 बजे मां लौटी तो रंजन को घर में फंदे से लटका देखा। शोर मचाने पर आसपास के लोग जुटे।

सूचना पर काजीमोहम्मदपुर थाने के अपर थानेदार साकेत कुमार और दारोगा सुदर्शन कुमार मौके पर पहुंचे। छानबीन के लिए एफएसएल की टीम को भी बुलाया गया। थानेदार जयप्रकाश सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आत्महत्या का मामला सामने आया है। परिजन के आवेदन पर आगे की कारवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम और एफएसएल की रिपोर्ट से स्पष्ट खुलासा होगा।

रंजन का मोबाइल पुलिस ने जब्त किया है। मोबाइल की प्रारंभिक जांच में सट्टा के कई ऐप इंस्टॉल मिले हैं। पुलिस उसके मोबाइल के कॉल डिटेल भी खंगाल रही है। परिजन ने बताया कि तीन माह पहले गुजरात काम करने के लिए गया था, लेकिन 10 दिन बाद ही आ गया। उसके बाद दवा दुकान में काम करने लगा। पुलिस उसके मोबाइल से यह जानकारी जुटा रही है कि आखिरी बार किससे बात की। किन-किन लोगों के संपर्क में था। ऑनलाइन सट्टा के लिए किन सट्टेबाजों के संपर्क में था। उस पर कर्ज को लेकर दबाव तो नही था। सट्टे के अलावा कोई और बात तो नहीं।

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