समुद्र का पानी आखिर इतना खारा क्यों होता है, नदी के पानी में तो नहीं होता इतना नमक
यह बात तो आप सभी जानते हैं कि समुद्र की सतह से किसी भी जगह की ऊंचाई मापी जा सकती है।यानी एक पृथ्वी पर सबसे निचली सतह और उसके कारण नदियों का पानी भी आता रहता समुद्र में ही मिलता है। यह क्रम कोई 100 या 200 साल पहले का नहीं है बल्कि ऐसा हजारों लाखों सालों से होता रहा है लेकिन क्या कभी आपने इस बात पर ध्यान दिया है क्या कि समुद्र का पानी इतना ज्यादा खारा यानी कि नमकीन क्यों होता है। नदियों का पानी इतना ज्यादा खारा क्यों नहीं होता चलिए आज हम आपको इस रहस्य के बारे में बताते हैं।
वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक समुद्र का जन्म आज से करीब 50 करोड़ साल पहले या फिर से 4 साल पहले हुआ होगा। लेकिन इसका अनुमान लगाना मुश्किल है कि आखिर धरती के विशालकाय गड्ढे पानी से कहते भर गए और इन विशालकाय गड्ढों का निर्माण कैसे हुआ लेकिन ऐसा माना जाता है कि जब पृथ्वी का जन्म हुआ हो तो वह आग का एक विशाल गोला थी और जब वह धीरे-धीरे ठंडी होने लगी तो चारों तरफ गैस के बादल फैल गए यही गैस के बादल जब भारी हो गए तो बारिश के रूप में बरस पड़े। लाखों साल तक ऐसे ही बारिश होती रही जिससे धरती के विशालकाय गड्ढों में अपने आप ही पानी भर गया और जिन्हें आज हम समुद्र के नाम से जानते है।
समुद्री जीवों में लाखों प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें से कुछ विशालकाय जीव भी होते हैं जैसे व्हेल मछली शार्क मछली अक्टूबर एनाकोंडा सांप वैसे तो सब मित्रों के बारे में अभी भी पूरी तरह से वैज्ञानिक नहीं जान पाए हैं। लेकिन कई सारे उसके अंदर ऐसे राज हैं जो आज भी अनसुलझी हुए हैं।
आपको शायद ही पता होगा कि नदियों और झरनों में समुद्र का पानी ही रहता है। दरअसल समुद्र से भागती है जिससे बादलों का निर्माण होता है और इसी से बारिश होती है यही पानी नदियों और झरनों में आता है इसमें लवण भी खुले रहते हैं। लेकिन उनकी मात्रा बेहद कम होती है इसलिए नदी और झरनों का पानी है अक्सर मीठा रहता है।
ये बारिश का पानी वापस समुद्र में पहुंचता है तो वह धीरे-धीरे करके लवण जमा हो जाते हैं। हजारों लाखों सालों तक समुद्र में जब लवण जमा होते रहते हैं तो यह अपने आप ही पानी इसका खारा हो जाता है।