जानिए भगवान शिव को आखिर कैसे प्राप्त हुई थी तीसरी आंख?

यह बात तो हम सभी जानते हैं कि देवों के देव महादेव के पास एक नहीं बल्कि तीन आंखें है मान्यताओं के मुताबिक वह तीसरी आंख का प्रयोग कब करते हैं जब सृष्टि का विनाश करना होता है। लेकिन इस बात को जानते हैं कि आखिर भगवान शिव को तीसरी आंख कैसे प्राप्त के पीछे भी एक गहरा राज छुपा है।

जानिए आखिर भगवान शिव को आखिर कैसे प्राप्त हुई तीसरी आंख?

महाभारत के छठवें खंड के अनुशासन पर्व में बताया गया है कि आखिर भोलेनाथ को तीसरी आंख कैसे प्राप्त हुई पौराणिक कथाओं के मुताबिक एक बार नाराज ही भगवान शिव और माता पार्वती के बीच हुए बातचीत को बताते हैं और सिर्फ बातचीत में त्रिनेह यानि की तीसरी आंख का रहस्य छुपा हुआ है।

नारद जी बताते हैं कि एक बार हिमालय पर भगवान शिव एक सभा कर रहे थे। जिसमें सभी देवता ऋषि मुनि और ज्ञानी जन शामिल थे। तभी सभा में माता पार्वती आई और उन्होंने अपने मनोरंजन के लिए अपने दोनों हाथों से भगवान शिव की दोनों आंखें ढक ली।

माता पार्वती ने जैसे ही भगवान शिव की आंखों को ढाका संसार में अंधेरा छा गया। ऐसा लगने लगा जैसे सूरज देव का कोई अस्तित्व ही नहीं है। इसके बाद धरती पर मौजूद सभी जीव जंतुओं में खलबली मच गई।

पूरे संसार की है दशा शिवजी से देखी नहीं गई और उन्होंने उनके माथे पर एक ज्योतिपुंज प्रकट किया। जो भगवान शिव की तीसरी आंख बनी बाद में माता पार्वती के पूछने पर शिवजी ने उन्हें बताया कि अगर वह ऐसा नहीं करते। तो संसार का नाश हो जाता क्योंकि उनकी आंखें ही जगत का पालनहार है।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *