किसी कुएं में काफी सारे मेंढक रहते थे, एक दिन मेंढकों के राजा ने सभी मेंढकों को कहा कि जो कोई भी मेंढक इस कुएं से बाहर गया, उसकी मौत हो जाएगी……
एक कुएं में बहुत सारे मेंढक रहा करते थे। उन मेंढकों का एक राजा भी था। एक दिन कुए के सभी मेंढकों को राजा ने बताया कि यदि इस कुएं में से कोई भी मेंढक बाहर जाएगा तो उसकी मौत हो जाएगी। हम मेंढकों के लिए बाहर की दुनिया सही नहीं है।
कुए के मेंढक राजा की हर बात का पालन करते थे। उन मेंढकों में से एक मेंढक बहुत ही बुद्धिमान और निडर था। उसका जन्म कुछ ही समय पहले हुआ था। जब वह मेंढक बड़ा हो गया तो उसके मन में विचार आया कि क्यों ना बाहर निकल कर देखा जाए, ऐसे कैसे कोई भी मर जाएगा। उस मेंढक ने निश्चय किया कि मैं बाहर जाऊंगा।
मेंढक कुएं से बाहर निकलने के लिए बहुत प्रयास करता रहा। जैसे ही वह थोड़ी ऊंचाई पर चढ़ता था तुरंत नीचे गिर जाता। आखिरकार मेंढक को एक दिन कुएं से बाहर निकलने में सफलता मिल ही गई। उसको पता चला कि राजा ने हमको जैसा बताया था, वैसा कुछ नहीं है। कुएं से बाहर निकलने के बाद मेंढक को ताजी हवा, फूलों की महक, रोशनी मिल रही थी। मेंढक को समझ आ गया कि हमारा राजा बहुत शातिर है जो सभी मेंढकों को अपना गुलाम बनाए रखना चाहता है। इसलिए उसने सभी मेंढकों में यह झूठी अफवाह फैलाई थी।
कहानी की सीख
इस कहानी से हमें सखने को मिलता है कि जो लोग जोखिम लेने से डरते हैं, उस तरह के लोग जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाते।