एक बार एक पंडित जी गौतम बुद्ध से मिलने अपने शिष्यों के साथ पहुंचे, वे बुद्ध से काफी सारे प्रश्न पूछना चाहते थे, बुद्ध के सामने पहुंचने के बाद पंडित जी ने……
अगर आपका मन भी शांत नहीं है। तो गौतम बुद्ध की कथा आपके सभी परेशानियों का निवारण करेगी। यहां जानिए मन से जुड़ी शांति के लिए एक कथा। इस कथा के मुताबिक एक दिन बहुत हमको तुझसे मिलने के लिए एक पंडित अपने शिष्यों के साथ पहुंचा था। यह पंडित उस दिन बेहद ही जोश में था। और कुछ प्रश्नों के उत्तर वह गुरु जी से पूछा जाता था। इतना ही नहीं उसने बुद्ध के सामने जाकर कहा कि मुझे आपसे कई सारे प्रश्नों के उत्तर चाहिए। आप मेरे सभी प्रश्नों के उत्तर दें जिस पर बुद्ध ने कहा कि मैं तुम्हारे सभी प्रश्नों के उत्तर दूंगा। लेकिन इसके चलते तो मैं मेरी एक बात माननी होगी तो पंडित ने कहा बताइए आपकी बात।
इस पर बुद्ध ने कहा कि तुम्हें 1 साल तक मौन व्रत धारण करना होगा। उसके बाद जो भी तुम पूछना चाहते हो तुम्हें उस हर चीज का उत्तर मिलेगा। बुद्ध के साथ में उस दिन उनका एक शिक्षक ही खड़ा था। जो इन सभी बातों को सुनकर बहुत ज्यादा हंस रहा था पंडित ने उससे पूछा कि तुम आखिर क्यों इतना हंस रहे हो।
जिसके बाद भूतों की जीत ने जवाब दिया कि कुछ साल पहले मैं भी तुम्हारी तरह यहां आया था। मेरे साथ भी मेरे कई सारे शिष्य थे तब मैंने भी यही सारी बातें कही थी। लेकिन एक साल बाद मेरे पास कोई भी प्रश्न नहीं था बुद्ध ने पंडित से कहा कि मैं अपनी बात का पक्का हूं और एक साल बाद तुम्हारे हर प्रश्न का उत्तर दूंगा।
पंडित ने बुद्ध की बात को मानते हुए साल का मौन व्रत धारण कर लिया धीरे धीरे मौन की वजह से वह ध्यान करने लगा। उसका मन शांत होने लगा इतना ही नहीं उसके सभी प्रश्न अब अपने आप ही खत्म होने लगी। 1 साल व्यतीत हो गया जब उसने उससे कहा कि अब तुम मुझसे कुछ भी प्रश्न पूछ सकते हो तो पंडित इस बात को सुनकर जोर से हंसने लगा और कहा कि 1 साल पहले तुम्हारे शिष्य ने बिल्कुल सही कहा था। एक साल बाद तो मेरे पास कोई भी प्रश्न नहीं है आज मेरे पास आप से पूछने के लिए एक प्रश्न भी नहीं है।
इन बातों को सुनकर बुद्ध ने कहा कि कब तक किसी व्यक्ति का मन शांत नहीं होता है उसके मन में लगातार ढेरों प्रश्न उठते रहते हैं उसकी परेशानियां बनी रहती है मन की भी एक अवस्था होती है और मन की अवस्था के कारण हमारे बहुत सारे प्रश्न उत्तर है झूठ की वजह से हमारा मन उत्तर और तब तक नहीं पहुंच पाता है मौत की वजह से हमारा मन दूसरी अवस्था में पहुंच जाता है जहां हमारे पास हर चीज का उत्तर उत्तर होता है।