एक व्यक्ति मन से भगवान की भक्ति करता था, लेकिन फिर वह अपने जीवन से बिल्कुल संतुष्ट नहीं था, एक दिन उसके गांव में एक प्रसिद्ध संत का आए, वह गरीब भी……

इस दुनिया में कई सारे लोग ऐसे होते हैं। जिन्हें अपने जीवन से कई सारी शिकायतें होती हैं। कई सारे लोग ऐसे होते हैं जो अपने जीवन से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं होते हैं। उनका मन भी कभी शांत नहीं होता है और वह लगातार विकसित होते रहते हैं। इस संबंध में भी एक लोककथा बहुत ज्यादा प्रचलित है और कथा के मुताबिक एक गरीब व्यक्ति भगवान की भक्ति करते रहता था। लेकिन इसके बावजूद भी अपने जीवन में संतुष्ट नहीं था 1 दिन उस व्यक्ति के गांव में बहुत सारे संत पहुंच गए और वह गरीब भी उन सभी संतो से मिलने पहुंचा।

एक व्यक्ति हमेशा भगवान की भक्ति करता रहता था, लेकिन वह अपने जीवन से संतुष्ट नहीं था, एक दिन उसके गांव में एक प्रसिद्ध संत का आगमन हुआ, वह गरीब भी संत से

गरीब व्यक्ति ने संत को अपनी सभी परेशानियां बता दी। संत ने उस समय उस व्यक्ति को एक मंत्र बताया और कहा कि रोज इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करना है। संत के द्वारा बताई गई सारी विधि विधान से उस गरीब व्यक्ति ने जो आप करा और कुछ दिनों बाद भी वह प्रसन्न रहने लगा और भगवान उससे प्रसन्न होकर उसके सामने प्रकट हुए भगवान अवतरित कहा कि मैं तुम्हारी भक्ति देखकर बहुत ज्यादा परेशान हो गया हूं। तुम मुझसे जो मांगोगे तुम्हारी हर इच्छा पूरी हो जाएगी।

गरीबी भगवान को देखकर दंग रह गया और उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह आखिर मांगे तो क्या मांगे। उसने भगवान से कहा कि मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। कृपया आप कल फिर से पकड़ प्रकट हो जाइए भगवान ने कहा ठीक है और वह यह सब कह कर के अंतर्ध्यान हो गए।

जिसके बाद वह गरीब व्यक्ति बहुत ज्यादा परेशान हो गया उसे सोचा कि मेरे पास रहने के लिए घर नहीं है। घर मांग लेता हूं तो फिर उसने सोचा कि जमीदार बहुत ज्यादा शक्तिशाली होता है। तो मुझे जमीदार बनने का वरदान मांगना चाहिए। इतना ही नहीं उसने फिर और सोचा और उसने कहा कि राजा उससे ज्यादा शक्तिशाली होता है। तो मुझे राजा बनने का वरदान मांग लेना चाहिए। इन्हीं सब बातों को इतना ज्यादा सोचता रहा कि उस रात को नींद नहीं आई और ऐसे करते-करते पूरा 1 दिन निकल गया। और सुबह हो गई लेकिन उसे समझ में ही नहीं आ रहा था कि वाकई वरदान मांगे तो क्या मांगे।

तभी वहां भगवान फिर प्रकट हुए और गरीब व्यक्ति ने कहा कि प्रभु मुझे सिर्फ यही वर दे कि मेरा मन आपकी भक्ति में लगा रहे। मैं हर हाल में संतुष्ट रहना चाहता हूं। भगवान ने कहा कि तुम अपने से धन संपत्ति भी मांग सकते हो गरीब व्यक्ति ने कहा कि भगवान अभी मेरे पास कुछ नहीं है लेकिन बनाने के संकेत मात्र से मेरी नींद पूरी तरीके से खराब हो गई है। मानसिक तनाव मुझे बहुत ज्यादा रहने लगा है मुझे ऐसा धन नहीं चाहिए जो मेरी सुख शांति को खराब कर दें इसके बाद भगवान प्रसन्न हुए और उन्होंने कहा कि जैसा तुम चाहते हो बिल्कुल वैसा ही होगा।

कथा की सीख
इस कथा से हमें यह सीख मिलती है कि जो लोग सुख शांति चाहते हैं। उन्हें हर हाल में संतुष्ट रहना चाहिए अगर हम संतुष्ट रहेंगे तो हमारे जीवन में अशांति के अलावा और कुछ नहीं होगा और हम जिंदगी भर सुखी नहीं रह पाएंगे।

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