एक बार एक व्यक्ति क्षेत्र के प्रसिद्ध संत के पास गया और बोला गुरुजी मुझे कोई ऐसा उपदेश दें, जो मुझे अपनी पूरी जिंदगी याद रहे, मेरे पास इतना समय नहीं है कि मैं रोज…..
एक पुरानी और प्रचलित लोक कथा के मुताबिक प्राचीन समय में एक व्यक्ति अपने क्षेत्र के प्रसिद्ध संत के पास उससे मिलने के लिए पहुंचा और जब वह उनसे मिला तो उसने बोला कि गुरु जी कृपया मुझे कोई ऐसा उपदेश दीजिए जो मुझे जिंदगी भर याद रहे क्योंकि मेरे पास इतना समय नहीं है कि मैं बाहर बार आपके पास आपके प्रोफेशनल को सुनने के लिए उस संत ने इस व्यक्ति की बात को ध्यान से सुना और कहा ठीक है जरा मेरे साथ चलो संतोष व्यक्ति को लेकर के अचानक से शमशान पहुंच गया। वह डर गया था उसने पूछा कि गुरु जी आप मेरे को यहां क्यों लेकर आ गए हैं।
व्यक्ति की बात सुनकर संत ने जवाब दिया कि जब तुम यहां कुछ देर थोड़ी रुकोगे तो थोड़ी देर में धनी व्यक्ति की अर्थी वहां गई। उसके कुछ देर बाद एक गरीब व्यक्ति की अर्थी आई। हालांकि अमीर और गरीब दोनों की अर्थी जल चुकी थी। इसके बाद संतोष व्यक्ति को लेकर अपने आश्रम दोबारा वापस आ गए संत ने कहा कि तुम कल फिर आना मैं कल तुम्हें एक और देश देना चाहता हूं।
संत की बात सुनकर व्यक्ति अगले दिन फिर से वहां पहुंच गया संत उसे लेकर फिर से श्मशान घाट पहुंचे संत ने शमशान पहुंचकर एक अमीर व्यक्ति की चिता से एक मुट्ठी राख उठाई और एक मुट्ठी करीब की चिता से उठाई दोनों मूर्तियों को दिखाते हुए संत ने कहा कि देखो यह अमीर है। और यह गरीब है लेकिन इसके बाद भी यह दोनों एक समान है दोनों में कोई भी अंतर नहीं है। हमें धन की लालच और लालसा के लिए कभी भी कोई भी गलत काम नहीं करना चाहिए क्योंकि मृत्यु के बाद हमने कोई अंतर नहीं रहता है। संत की बातें सुनकर उस व्यक्ति की आंखें खुल गई और उस को धन्यवाद दिया और कहा कि मैं आपकी बात को आजीवन ध्यान में रख लूंगा और कोई भी किसी भी तरह का गलत काम नहीं करूंगा।