राज्य की समस्याओं के कारण एक राजा हर समय तनाव में रहता था, एक दिन वह अकेले ही जंगल में घूमने के लिए निकल गया…..….

किसी राज्य का राजा अपने राज्य की समस्याओं को लेकर परेशान रहता था। उसने कई तरीके अपनाए। लेकिन समस्याओं को दूर नहीं कर पाया। 1 दिन राजा अकेले ही जंगल में घूमने चला गया। उसको जंगल में बांसुरी की मधुर आवाज सुनाई दे गई। वह आवाज सुनते सुनते आगे बढ़ता गया।

एक राजा अपने राज्य की समस्याओं के कारण तनाव में रहता था, इन परेशानियों से उसे छुटकारा नहीं मिल पा रहा था, एक दिन राजा अकेले ही जंगल में घूमने के लिए निकल गया

थोड़ी देर बाद ही वह युवक के पास पहुंच गया जो बांसुरी बजा रहा था। वह युवक बहुत ही प्रसन्न और शांत दिख रहा था। वह एक ग्वाला था, जिसकी गायें वहां पर घास चर रही थी। राजा ने उस ग्वाले से उसके बारे में पूछा। इतना ही नहीं राजा ने सवाल किया कि तुम इतने खुश कैसे हो। ऐसा लग रहा है कि तुम्हें किसी राज्य का राजा बना दिया गया है।

उस ग्वाले ने कहा कि महाराज मैं राजा हूं। लेकिन मेरे पास कोई भी साम्राज्य नहीं है और मैं भगवान से यही कहता हूं कि मुझे कोई साम्राज्य ना मिले। जब व्यक्ति को साम्राज्य मिल जाता है तो वह सेवक बन जाता है। इसके बाद उसको प्रजा की देखभाल करनी होती है।

राजा को सुनकर बहुत ही हैरानी हुई। राजा को समझ आ गया कि चाहे कितनी भी धन-संपत्ति हो। लेकिन शांति तभी मिलती है जब हम बेकार के विचारों को मन में नहीं रखते हैं।

ग्वाले ने बताया कि महाराज सच्चा सुख तो स्वतंत्र होने पर ही मिलता है। इसीलिए हमेशा विचारों से स्वतंत्र रहना चाहिए। जब तक हम मन में विचारों को रखेंगे, हम को शांति नहीं मिलेगी और तनाव भी खत्म नहीं हो पाएगा। यदि हम अपने मन से विचारों को निकाल देंगे तो तनाव खत्म हो जाएगा और हमें शांति मिल जाएगी।

कहानी की सिख

कहानी को पढ़ने के बाद हमें सीखने को मिलता है कि हमेशा सुख-शांति पाने के लिए मन में जितने भी विचार हो उनको निकाल देदेना चाहिए। अगर शांति पाना चाहते हैं तो ध्यान करें।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *