एक राज्य में एक ऐसा आदमी रहता था जिसका चेहरा सुबह-सुबह देख ले तो उसका पूरा ही दिन खराब हो जाता था, वहां के राजा ने भी उस आदमी को आजमाकर देखा और फिर उसे फांसी की सजा सुना दी……
एक राज्य में माणिक नाम का एक आदमी रहता था। लेकिन पूरे राज्य में अफवाह फैली हुई थी कि जो भी व्यक्ति माणिक का चेहरा देखेगा, उसे पूरे दिन खाना नहीं मिलेगा। इसी वजह से सब लोग उसे मनहूस मानते थे और उससे सुबह बचने की कोशिश करते थे। लेकिन माणिक बहुत ही चालाक और बुद्धिमान था। वह लोगों की इस अंधविश्वासी बातों पर ध्यान नहीं देता था।
एक दिन ये बात राजा को पता चली तो राजा ने अपने मंत्री से पूछा कि क्या वाकई में यह सच है, तो मंत्री ने राजा से कहा- नहीं, महाराज लोग लोगों में अंधविश्वास है। लोग अपनी गलतियों की वजह से खाना नहीं खा पाते और दोष माणिक को देते हैं। माणिक बहुत ही चतुर और बुद्धिमान व्यक्ति है।
राजा के मन में अब भी जिज्ञासा थी कि वह एक बार पता करें कि इस बात में कितनी सच्चाई है। फिर एक दिन राजा ने माणिक को अपने महल में बुलाया और उसे रात भर महल में रुकने के लिए कहा। सुबह होते ही राजा माणिक के पास पहुंच गए और उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया।
उस दिन राजा को इतना काम करना पड़ा कि ह खाना भी नहीं खा पाए। फिर राजा को यकीन हो गया कि माणिक के बारे में लोग जो कहते हैं, वह बिल्कुल सच है मालिक है। इसके बाद राजा ने तय किया कि ऐसे व्यक्ति को हमारे राज्य में रहने का कोई हक नहीं है।
राजा ने माणिक को फांसी पर चढ़ाने का आदेश दे दिया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा व्यक्ति हमारे शहर में रहेगा तो ना जाने कितने लोग रोज भूखे सोएंगे। माणिक ने कुछ भी नहीं कहा और वह सैनिकों के साथ चला गया। अब सैनिक माणिक को फांसी पर चढ़ाने जा रहे थे। तब उन्होंने माणिक से उसकी आखिरी इच्छा पूछी।
माणिक ने कहा कि मैं राजा को एक संदेश देना चाहता हूं, जो उन तक पहुंचा दिया जाए और उनका जवाब मुझे बता दिया जाए तो सैनिकों ने पूछा- क्या संदेश है। माणिक ने कहा- महाराज से कहना कि अगर मैं वाकई मनहूस हूं। जो मेरा चेहरा देखता है, उसे दिन भर खाना नहीं मिलता तो मुझसे ज्यादा मनहूस महाराज है, जिनका चेहरा मैंने देखा और शाम को मुझे फांसी पर लटकाया जा रहा है।
माणिक की यह बात सुनकर राजा को अपनी गलती पर पछतावा हुआ और उन्होंने माणिक की फांसी रुकला दी और उसे उसकी चतुराई के लिए सम्मानित किया गया।
कहानी की सीख
इस कथा से हमें सीख मिलती है कि अगर हम मुश्किल घड़ी में अपने दिमाग को शांत रखेंगे और चतुराई से काम करेंगे तो हम बड़ी से बड़ी मुश्किल को भी हल कर सकते हैं।