किसी शहर में एक व्यक्ति प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था, एक दिन वह एक महात्मा से मिलने गया, वह व्यक्ति बोला कि मैं बहुत परेशान हूं, आखिर कैसे मेरी परेशानियां दूर हो सकती हैं, संत ने कहा एक रात मेरे ऊंटों…….
एक व्यक्ति जो प्राइवेट कंपनी में काम करता था वह अपनी जिंदगी से हमेशा परेशान रहता था और हर किसी को सुबह शाम अपनी परेशानियां बताते रहता था। 1 दिन उस आदमी के शहर में महात्मा आए। मौका पाकर उसने महात्मा से बात की और महात्मा को अपनी बात बता दी। आदमी ने पूछा कि मुझे कोई ऐसा उपाय बताइए जिससे मेरी परेशानियां दूर हो जाए।
यह सुनकर महात्मा मुस्कुरा गए और कहा कि मैं तुम्हारी परेशानियों का हल कल बताऊंगा। लेकिन तुमको आज रात मेरे ऊंटों का रखरखाव करना होगा। जब यह सारे ऊंट बैठ जाए तो तुम सो जाना।
युवक को महात्मा की बात उचित लगी। अगले दिन महात्मा ने युवक से कहा कि तुम्हें कैसी नींद आई। युवक ने कहा कि गुरुवर में रात को बिल्कुल भी नहीं सो पाया। जब एक ऊंट बैठ जाता दूसरा खड़ा हो जाता। पूरी रात यही होता रहा और मैं नहीं सो सका।
महात्मा ने कहा कि मुझे पता था कि तुम्हारे साथ यही होगा क्योंकि सभी ऊंट एक साथ नहीं बैठ पाते हैं। युवक ने कहा कि गुरुवर आपको पता था तो आपने मुझे यह काम क्यों सौंपा।
गुरु ने महात्मा ने बताया कि जिंदगी में दुख और सुख आते जाते रहते हैं। जब एक समस्या खत्म होती है तो दूसरी आ जाती है। इसी कारण परेशानियां से दुखी नहीं होना चाहिए। परेशानियों का डटकर सामना करना चाहिए।